भोपाल (मध्य प्रदेश) : नए रोजगार बोर्ड की पहली बैठक में कौशल विकास को लेकर दोराय सामने आ गई। बोर्ड के कामों में अधिकारियों ने कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिलाने को भी शामिल कर लिया था, इसको लेकर तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास विभाग के अधिकारियों ने कहा कि ये काम तो हम कर रहे हैं, आप रोजगार दिलाईए। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तय किया कि बोर्ड सभी विभागों से समन्वय करके रोजगार दिलाने के लिए काम करेगा। बोर्ड का मुख्य कार्यपालन अधिकारी आईएएस अफसर होगा।
मंत्रालय में सोमवार को मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुई पुनर्गठित बोर्ड की पहली बैठक में युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार दिलवाने के रास्ते खोजने पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार बोर्ड, कौशल विकास मिशन और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में समन्वय बनाकर रोजगार दिलाने की कार्ययोजना बनाई जाए। इस काम में विशेषज्ञों को भी जोड़ा जाए।
बैठक में बोर्ड की कार्यपरिषद के स्वरूप के साथ बजट, अधिकारी-कर्मचारियों के पदों को मंजूरी भी दी गई। इस दौरान बोर्ड अध्यक्ष हेमंत देशमुख, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ल, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री अंतर सिंह आर्य, प्रभारी मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
प्रदेश की रोजगार प्रोफाइल बनेगी
बैठक में तय किया गया कि प्रदेश की रोजगार प्रोफाइल तैयार की जाएगी। इसके लिए सर्वे कराया जाएगा। इसमें ये पता लगाया जाएगा कि उद्योगों को किस क्षमता के युवाओं की जरूरत है। इसके हिसाब से ही प्रशिक्षण के कार्यक्रम तय किए जाएंगे।
कंपनियों से बनाया जाएगा समन्वय
बोर्ड रोजगार मेले लगाएगा। रोजगार संवाद के जरिए कंपनियों और युवाओं को एक मंच मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए कंपनियों के साथ बोर्ड समन्वय करेगा। सेना में भर्ती के लिए भी युवाओं के प्रशिक्षण होंगे।
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