कौशल विकास प्रशिक्षण को और लचीला बनाने के लिए श्रम संसाधन विभाग जल्द ही करेगा केवाइपी लर्नर एप लांच

पटना : युवा अब  चाहें तो घर बैठे ही अपना कौशल विकास कर सकते हैं | इसके लिए श्रम संसाधन विभाग जल्द ही केवाइपी लर्नर नाम से एप लांच कर रहा है | इस एप के जरिये युवा  खुद से भी अपना कौशल विकास कर सकते हैं | यह एप भी 240 घंटे के कोर्स की तरह युवाओं के कौशल विकास में मार्गदर्शन करेगा | इधर 1 मई से 100 से अधिक कौशल विकास केंद्र शुरू होगा | कौशल विकास मिशन का नॉलेज पार्टनर महाराष्ट्र नॉलेज कॉरपोरेशन ने इस एप को बनाया है | श्रम संसाधन विभाग जल्द ही विधिवत इस एप को लांच कर देगा |

प्ले स्टोर में जाकर इस एप को डाउनलोड करना होगा | बिहार कौशल विकास मिशन के कुशल युवा प्रोग्राम के कोर्स की किताबों में जो चित्र  या रेखा चित्र  पर इस एप को ले जाने के बाद उसका स्कैन कर एप उससे संबंधित सारी जानकारी उपलब्ध करा देगा | महाराष्ट्र नॉलेज पार्टनर ही कुशल युवा प्रोग्राम के लिए पूरा कोर्स तैयार किया है | अभी 240 घंटे  का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कौशल विकास के 240 घंटे के प्रशिक्षण में 120 घंटे का कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है |

120 घंटे में संवाद कला और व्यवहार कौशल का प्रशिक्षण मिलता है |  कुशल युवा प्रोग्राम में 15 से 25 साल तक युवा प्रशिक्षण लेते रहे हैं | अब उम्र सीमा 40 साल कर दिया गया है | वैसे 59 साल तक लोग भी बिना शुल्क के प्रशिक्षण ले  सकते हैं |

श्रम संसाधन विभाग ने प्रशिक्षण के स्वरूप को और लचीला बनाया है | अब प्रशिक्षण लेने वाले अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी केंद्र पर जाकर प्रशिक्षण ले सकते हैं | पहले यह सुविधा नहीं थी. पहले सिर्फ विभाग प्रशिक्षण केंद्रों को युवाओं का  नाम उपलब्ध कराता था |

इससे युवाओं का काफी विकास होगा | साथ ही प्रशिक्षण मिलने से रोजगार मिलने में भी समस्या नहीं आयेगी | पहली मई से सौ से अधिक केंद्रों पर कौशल विकास का प्रशिक्षण शुरू होगा | अभी 598 केंद्रों पर प्रशिक्षण चल रहा है | 43 हजार युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं | 15 दिसंबर से जिन बैचों का प्रशिक्षण शुरू हुआ था उन बैचों का प्रशिक्षण पूरा हो गया गया है | एक बैच में 20 युवा होते हैं |

दीपक कुमार सिंह, प्रधान सचिव, श्रम संसाधन विभाग ने  कहा कि प्रशिक्षण  के तरीके को और अधिक सु‌विधाजनक बनाया जा रहा है | अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें | प्रशिक्षण के दायरा को बढ़ाया जा रहा है | अब ड्राप आउट नहीं के बराबर है |

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