महिलाएं अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पिछले सालों के दौरान भारतीय महिलाओं ने देश-विदेश में विभिन्न क्षेत्रों में कामयाबी हासिल की है। आज भारत में तकरीबन 1.4 मिलियन महिला लीडर्स हैं- इतनी बड़ी संख्या महिलाओं की बढ़ती लीडरशिप भूमिका की पुष्टि करती है। ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में महिलाओं को कार्यबल में शामिल करने के लिए कौशल विकास को बढ़ावा देना ज़रूरी है। कौशल विकास उत्पादकता को बढ़ाता है, रोजगार के अवसर पैदा करता है और आय बढ़ाने में मदद करता है। ‘‘बेटी, बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के लिए प्रतिबद्धता ज़ाहिर करते हुए, महिलाओं के तकनीकी कौशल के उद्देश्य के साथ सैमसंग ने हाल ही में देश भर में अपने सैमसंग टेकनिक स्कूलों में कन्याओं एवं दिव्यांगों के लिए एमएसएमई-सैमसंग टेकनिकल स्कूल स्काॅलरशिप प्रोग्राम का ऐलान किया। इन संस्थानों में अव्वल छात्रों के लिए मेरिटोरियस रिवाॅर्ड प्रोग्राम का भी शुभारम्भ किया गया।
सैमसंग इण्डिया में वीपी श्री दीपक भारद्वाज ने कहा, ‘‘स्किल इण्डिया भारत सरकार की महत्वपूर्ण पहल है। सरकार देश में कौशल विकास के लिए सक्रियता से प्रयास कर रही है। कौशल आज की दुनिया में बेहद महत्वपूर्ण है। देश के युवाओं को तकनीकी कौशल देने के प्रयास में सैमसंग ने एमएसएमई मंत्रालय के साथ साझेदारी की है। सैमसंग टेकनिकल स्कूल की यह पहल देश के युवाओं को नौकरियों के लिए तैयार करेगी।’’
डिजिटल टेकनोलोजी की क्षमता एवं बढ़ते अवसरों के चलते महिलाओं के कारोबार करने का तरीका तेज़ी से बदल रहा है। इनमें से कुछ महिलाएं पहले से सफलतापूर्वक अपने उद्यम चला रही हैं और बड़ी संख्या में महिलाएं इस दिशा में रुख कर रही हैं। ‘मेक इन इण्डिया’ को बढ़ावा देने क लिए महिलाओं पर विचार किया जाना चाहिए और उनके कौशल विकास को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
मेरिटोरियस रिवाॅर्ड प्रोग्राम के तहत सैमसंग टेकनिकल स्कूल के अव्वल छात्रों को 20,000 रु का पुरस्कार दिया जाएगा।
सैमसंग टेकनिकल स्कूल, जो सैमसंग की सिटिज़नशिप इनीशिएटिव का एक भाग है, की शुरूआत 2013 में हुई। युवाओं के उचित कौशल प्रशिक्षण द्वारा भारत को ग्लोबल मैनुफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करना इसका मुख्य उद्देश्य है। ये स्कूल अब तक 2000 से ज़्यादा युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर चुके हैं और विभिन्न तकनीकी कारोबारों में उन्हें नौकरियों के लिए तैयार कर चुके हैं। इनमें से लगभग 70 फीसदी विद्यार्थियों को नौकरियां मिल गई हैं और 45 फीसदी को सैमसंग सर्विस सेंटर में ही नौकरी मिली है। यह पहल सैमसंग की ‘मेक इन इण्डिया’ का एक भाग है जो सरकार के स्किल इण्डिया मिशन में अपना योगदान देता है।
Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.