गुड़गांव : डिग्री और इंजीनियरिंग कॉलेजों में एयर क्राफ्ट मेंटेनेंस प्रोग्राम शुरू हो सकता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कॉलेजों में स्नातक स्तर पर यह कोर्स शुरू करने का फैसला किया है। इसे च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत चलाया जाएगा। छात्रों को अपने पसंद का विषय चुनने की आजादी होगी। यूजीसी ने इस बाबत पत्र भी जारी कर दिया है।
दरअसल, अभी तक डिग्री कॉलेजों में छात्रों को तकनीकी शिक्षा का माहौल नहीं है। यूजीसी का मानना है कि तेजी से बढ़ते विमान क्षेत्र में तकनीकी कौशल की कमी है। इसलिए कॉलेजों में एयर क्राफ्ट मेंनटेंनेंस कोर्स शुरू किया जाना जरूरी है।
यह कोर्स स्किल इंडिया के तहत युवाओं को हुनरमंद बनने का मौका मिलेगा। यूजीसी ने इस पाठ्यक्रम के लिए मसौदा तैयार कर भेज दिया है। मसौदे पर अब एक महीने के अंदर लोग अपने सुझाव दे सकते हैं। इसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
यूजीसी की ओर से कोर्स को शुरू करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई थी। इसका उद्देश्य इस क्षेत्र में तकनीकी-वैज्ञानिक विशेषज्ञता को बढ़ावा देना है। विभिन्न बैठकों और विमर्श के दौरान यह पता चला कि एयर क्राफ्ट मेंटेनेंस का क्षेत्र खासतौर पर कौशल युक्त मानव संसाधन की कमी से जूझ रहा है। इस कारण उच्च शिक्षण संस्थानों को इस मसले पर तत्काल ध्यान देना चाहिए।
तैयार की गई है विषय की रुपरेखा
एयर क्राफ्ट मेंटेनेंस प्रोग्राम के लिए यूजीसी की रुपरेखा तैयार की गई है। जारी रुपरेखा के मुताबिक इसमें एयरोनॉटिकल साइंस और एयरोडायनमिक्स सहित विभिन्न विषयों के थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों को महत्व दिया गया है।
इसमें कोर कोर्स में 14 पेपर और एलेक्टिव कोर्स में आठ पेपर का प्रस्ताव दिया गया है। यह पाठ्यक्रम सीबीसीएस के तहत होने से छात्रों को यह लाभ होगा कि सभी विश्वविद्यालयों में इसका पाठ्यक्रम एक ही होगा।
उन्हें एलेक्टिव कोर्स में अपनी पसंद के विषय चुनने की छूट होगी। साथ ही किसी वजह से अगर छात्र को कुछ समय के लिए पढ़ाई छोडनी पड़ी या दूसरी जगह जाना पड़ा तो वह दूसरे संस्थान में दाखिला ले सकेगा।
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