कोलकाता : देश के विकास को सही दिशा देने के लिए युवाओं की बड़ी आबादी को कुशल श्रम शक्ति में तब्दील करना होगा। विकसित अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर शिक्षा की जरूरत है और इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों एवं औद्योगिक ईकाइयों को बेहतर समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी एवं भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) द्वारा सोमवार को कोलकाता में आयोजित सम्मेलन इंडस्ट्री एकेडमिया इनोवेशन प्लेटफॉर्म में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि 2020 तक देश की बड़ी आबादी 25 वर्ष से कम उम्र के लोगों की होगी। देश की यह बड़ी युवा आबादी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा फायदा बन सकती है यदि हम उचित शिक्षा और कौशल विकास के जरिये इन्हें उद्योग जगत के लिए तैयार करें। राष्ट्रपति के मुताबिक भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है, उन्हें सही रूप में विकसित करने के लिए उद्योग व शिक्षा जगत को बेहतर साझेदारी व समन्वय स्थापित करना होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि अगले दो वर्षों में विकास दर 7.5 फीसद बनी रहेगी। साथ ही उत्पादन व औद्योगिक क्षेत्र में फिर से उत्थान के आसार हैं। उन्होंने कहा कि बीमा से सेना तक सभी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) हो सकता है मगर इसके लिए यहां आसान व्यापार के लिए वातावरण तैयार करना होगा। नियमों को अधिक सरल बनाने की भी जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष की शुरुआत में खाद्य पदार्थों के मूल्य सामान्य रहे, मगर आगे वह बढ़ते दिख रहे हैं। ऐसे में सरकार को सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
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