नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट में फेरबदल की तैयारी शुरू कर दी है। यह फेरबदल नॉन परफारमेंस और मिशन 2019 के मद्देनजर किया जाना है। नान परफारमेंस के आधार पर जिन मंत्रियों की कैबिनेट से छुट्टी होने की चर्चा है। उसमें राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कौशल विकास और उद्यमशीलता राजीव प्रताप रुडी का नाम प्रमुखता से उछल रहा। परफारमेंस और मिशन 2019 दोनों के लिहाज से बने पैमाने पर रुडी खरे नहीं उतर रहे। यही वजह है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इन्हें बाहर करने का प्रस्ताव मोदी के सामने रखा है। हाल में मोदी के साथ फेरबदल को लेकर हुई मीटिंग में शाह ने रूडी के मसले पर चर्चा की। कहा जा रहा है कि मोदी भी शाह की बात से सहमत दिखे।
स्किल डेवलपमेंट बेअसर होने पर गिरेगी गाज
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए स्किल डेवलपमेंट स्कीम जोरशोर से शुरू की। युवाओं को खूब ख्वाब दिखाए गए। कहा गया कि स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम के जरिए युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। युवा चेहरे रूडी को बहुत अपेक्षाओं के साथ युवाओं के कल्याण से जुड़े स्किल डेवलपमेंट का काम सौंपा। मगर उन्होंने अब तक निराश किया है। मंत्री बनने के बाद रुडी के खिलाफ एक शिकायत हुई। जिसमें कहा गया कि उन्होंने अपनी चहेती कंपनी आइएलएंडएफएस को स्किल डेवलपमेंट स्कीम के संचालन के लिए पार्टनर बनाया। इस कंपनी के खिलाफ पहले से शिकायतें रहीं। मानकों पर भी कंपनी खरा नहीं उतर रही थी। रिन्वूयल का भी पचड़ा फंसा था। बावजूद इसके इस कंपनी से मंत्रालय ने पार्टनरशिप की।
बहरहाल कंपनी को काम मिल गया। अगर कंपनी ठीक से काम करती और योजना को धरातल से उतारती तो रूडी की चहेती कंपनी को माफ भी किया जा सकता था। मगर इस कंपनी ने मोटी धनराशि खर्च तो की, जगह-जगह ट्रेनिंग के नाम पर। लेकिन कहीं योजना धरातल पर उतरती नहीं दिखी। खुद पीएमओ तक काफी शिकायतें पहुंचीं कि स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम कागजों पर ही चल रहा है। यह हाल तब रहा, जब खुद मंत्री राजीव प्रताप रूडी 2022 तक पांच करोड़ युवाओं को ट्रेनिंग देने की बात कही। जब शिकायतों की जांच हुई तो पता चला कि इस कंपनी के कई कार्यक्रमों में रुडी नजर आए। तमाम तस्वीरें विरोधियों ने मोदी और शाह तक पहुंचाई।
शाह भी नहीं करते पसंद
भाजपा से जुड़े करीबी सूत्र बता रहे कि जब नानपरफारमेंस पर कैबिनेट फेरबदल में गाज गिरने की आशंका दिखी तो राजीव प्रताप रूडी शाह से पैचअप करने की कोशिश में जुटे। मगर अमित शाह ने भाव ही नहीं दिया। वजह कि अमित शाह मिशन 2019 में किसी तरह की चूक नहीं चाहते। मिशन तभी सफल होगा, जब हर केंद्रीय योजना को मुकाम मिल सकेगा। अब चूंकि लोकसभा चुनाव में दो साल से भी कम का वक्त है, ऐसे में शाह का मानना है कि जो कसर और चूक रह गई है, उसे पूरा कर लिया जाए। योजनाओं का टारगेट पूरा हो सके। यही वजह है कि लक्ष्य से चूके स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम को मुकाम दिलाने के लिए वह किसी दूसरे चेहरे को जिम्मा सौंपने की तैयारी कर चुके हैं।
बिहार का कोटा भी बन रहा रूडी की राह में विलेन बिहार का नया राजनीतिक समीकरण भी राजीव प्रताप रूडी को मंत्री की कुर्सी बचाने में मुश्किलें पैदा कर रहा। राजीव प्रताप रूडी बिहार के सारण से लोकसभा सांसद हैं चूंकि बिहार में अब नीतीश कुमार के जदयू से भाजपा का गठबंधन हुआ है। ऐसे में अब होने जा रहे फेरबदल में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के कुछ चेहरों को भी मोदी अपनी कैबिनेट में जगह देंगे। चूंकि बिहार से इस वक्त आठ केंद्रीय मंत्री हैं। इस नाते जदयू से कुछ चेहरे अगर शामिल होंगे तो फिर किसी न किसी का पत्ता कटना तय है। माना जा रहा यह पत्ता नानपरफारमेंस और शिकायतों से घिरे रूडी का ही है। खुद भाजपा के एक बड़े नेता कहते हैं कि अगर राजीव प्रताप रूडी की कुर्सी बची रहती है तो उनके लिए चमत्कार से कम नहीं होगा।
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