रांची (झारखंड) : रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा है कि भारत सरकार पूर्व सैनिकों के ऊपर एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी देने की योजना बना रही है। इसके तहत चुनिंदा पूर्व सैनिक सैन्य जीवन में सीखे हुए गुणों को कौशल विकास मंत्रालय के साथ मिलकर देश के युवाओं के साथ ट्रेनिंग के रूप में साझा करेंगे। रक्षा मंत्रालय के आमंत्रण पर अखिल भारतीय सैनिक सेवा परिषद की चार सदस्यीय कमेटी से मुलाकात के क्रम में रक्षामंत्री ने यह बातें कहीं। कमेटी में परिषद के राष्ट्रीय महासचिव ब्रिगेडियर सरीन, राष्ट्रीय संयोजक मातृ सैन्य शक्ति उमा सुधींद्रा, परिषद के झारखंड प्रांत के उपाध्यक्ष कर्नल संजय कुमार सिंह व उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष कर्नल देवेंद्र सिंह शामिल थे। इस मौके पर रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भ्रामरे भी मौजूद थे।
रक्षामंत्री पर्रीकर ने कहा कि पूर्व सैनिक भारतीय सेना द्वारा प्रशिक्षित मानव संसाधन हैं जिन्हें सरकार कौशल विकास के अलावा एनसीसी में भी युवाओं को प्रशिक्षित करने में बड़ी भागीदारी देने की बात सोच रही है। इसके लिए लिए अलग से एमओयू किया जाएगा।
कर्नल संजय कुमार सिंह ने सरकार की इस सोच का स्वागत किया और कहा कि पहली बार मोदी सरकार ने पूर्व सैनिकों का सम्मान बढ़ाया है। अन्यथा पूर्व सैनिक जवानी में ही सेना छोड़ कर किसी प्राइवेट कंपनी का गार्ड बनने पर विवश हो जाते हैं और उसके अंदर समाहित सैन्य गुण कुंठित होकर रह जाता है। उन्होंने झारखंड के जिलों में सैनिक बोर्ड का आफिस खोलने का आग्रह रक्षामंत्री से किया।
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