अजमेर : सीबीएसई नवीं और दसवीं कक्षा में कौशल विकास विषय को शामिल कर सकता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और बोर्ड स्तर पर पाठ्यक्रम, विषय चयन और अन्य बिन्दुओं पर विचार-विमर्श जारी है। सत्र 2017-18 या इसके बाद कौशल विकास को अनिवार्य अथवा ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल किया जा सकता है।
नवीं और दसवीं कक्षा में सतत एवं समग्र मूल्यांकन (सीसीई) के तहत बोर्ड और स्कूल आधारित परीक्षा होती है। मौजूदा वक्त दोनों कक्षाओं में हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान विषय पढ़ाए जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इंडिया के तहत कौशल विकास पर जोर दिया है। इसको देखते हुए सीबीएसई के अकादमिक विभाग ने कौशल विकास को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
यूं तैयार होगा कौशल विकास विषय
नवीं और दसवीं में कौशल विकास को अनिवार्य अथवा ऐच्छिक विषय बनाने पर विचार-विमर्श शुरू हो गया है।योजनान्तर्गत प्रथम चरण में रोजगारोन्मुखी कौशल विकास विषयों का चयन किया जाएगा। द्वितीय चरण में विशेषज्ञ इन विषयों के पाठ्यक्रम तैयार करेंगे। इसके बाद पाठ्यचर्या समिति विषयों का अनुमोदन करेगी। तृतीय चरण में विषयों के अंकभार, सरकारी और निजी क्षेत्र में आवश्यकता और अन्य बिन्दुओं पर विचार-विमर्श होगा।
संभावित कौशल विकास विषय
खाद्य एवं पोषण, ऑटोशॉप, ऑनलाइन सप्लाई सिस्टम, मोबाइल एप्स प्रिपरेशन, विद्युत फिटिंग एवं उपकरणों की मरम्मत, इन्टीरियर डिजाइनिंग, टूरिज्म एन्ड गाइड, होम सर्विस एवं फूड सप्लाई, बागवानी के सिद्धान्त, चित्रकला, सोशल ऑडिट, एकाउन्टिंग और अन्य
11-12वीं में कई वोकेशनल कोर्स
सीबीएसई की 11-12 वीं में कई वोकेशनल कोर्स संंचालित हैं। इनमें फाइनेंशियल मार्केट मैनेजमेंट, टैली, इंश्योरेंस, ट्रेवल एंड टूरिज्म, सेल्स एंड मैनेजमेंट और अन्य
फैक्ट फाइल
सीबीएसई से पंजीकृत विद्यार्थी-27 लाख (भारत और विदेशों में)
नवीं–दसवीं में सीसीई की शुरुआत–वर्ष 2009-10
परीक्षा प्रणाली–प्रतिवर्ष दो सेमेस्टर और चार फॉर्मेटिव मूल्यांकन
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