रांची: मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति ग्राम योजना के तहत राज्य के आदिवासी बहुल गांवों में पढ़े-लिखे युवक-युवतियों का क्षमता संवर्द्धन किया जाएगा | साथ ही उन्हें कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण भी दिया जायेगा | इसके लिए राज्य सरकार ने 11 सौ से अधिक गांवों का चयन किया है |
युवक-युवतियों काे देश की नामी-गिरामी कंपनियों से प्रशिक्षण दिलवाया जायेगा. इसके लिए सरकार ने सभी गांवों के स्वयं सहायता समूहाें को एक-एक लाख रुपये की सीड मनी और दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि दी है | प्रशिक्षण का जिम्मा उन्हीं कंपनियों को दिया जाएगा, जो राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन (National Skill Development Mission) और उससे जुड़े सेक्टर स्किल काउंसिल (Sector Skill Council) से जुड़ी हों | कंपनियों की जवाबदेही होगी कि वे ‘राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन’ (NSDM) के तहत तय पाठ्यक्रमों के अनुरूप ही प्रशिक्षण कार्यक्रम चलायें, जो राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण निदेशालय के मान्यता प्राप्त हों |
प्रखंड और पंचायत मुख्यालयों में चलेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम : शर्त यह भी है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रखंड और पंचायत मुख्यालयों में ही चलाये जायें | इसके लिए चयनित कंपनियों को ही आधारभूत संरचना विकसित करनी होगी | प्रशिक्षण की अवधि, कोर्स फीस और अन्य सुविधाओं का ख्याल भी उन्हें ही रखना होगा | प्रशिक्षण के बाद 80 प्रतिशत युवक-युवतियों को बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान कराने की जवाबदेही भी कंपनियों को होगी |
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