कौशल विकास के लिए दो एमओयू साइन करेगा एमडीयू, प्लेसमेंट होगा आसान

पारंपरिक शिक्षा को अब कौशल विकास से जोड़कर स्टूडेंट्स को हुनर सिखाए जाएंगे। स्टूडेंट्स की ट्रेनिंग और प्लेसमेंट में मदद मिलेगी। सोशल आउटरीच कार्यक्रम के तहत कार्यक्रम को पूरा किया जाएगा। इसके तहत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम से एमओयू होने के बाद अब प्रदेश में दो एनजीओ से भी बड़े समझौते किए जाएंगे। चंडीगढ़ में सीएम मनोहर लाल की मौजूदगी में इन दो एमओयू को हस्ताक्षरित किया जाएगा। इसके लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है।

दो एनजीओ को जोड़ने पर होगा फैसला
इस एमओयू के तहत ग्लोबल विलेज फाउंडेशन और नैसकॉम दो एनजीओ को जोड़े जाने पर फैसला होना है। इसके तहत एनजीओ द्वारा एजुकेशन एवं सोशल डेवलपमेंट, स्टूडेंट्स की ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट और स्किल डेवलपमेंट(skill development) विषयों पर काम किया जाएगा। चंडीगढ़ में इसे लेकर विशेष बैठक भी की जाएगी। इसके लिए कुलपति प्रो. बिजेंद्र कुमार पूनिया भी अपने प्रशासनिक अमले के साथ चंडीगढ़ रवाना होंगे।

38 विभागों में शुरू होंगे कौशल विकास के कोर्स: बतादें कि एमडीयू के 38 विभागों में कौशल विकास के कोर्स शुरू किए जाएंगे। कम अवधि के इन कोर्स के जरिए स्टूडेंट्स रुचि के मुताबिक क्षेत्र में अपने कौशल को निखार सकेंगे। इन विद्यार्थियों को कैंपस प्लेसमेंट के जरिए नौकरियों के अवसर भी मिलेंगे।

यूं उठाया कदम
अभी तक पारंपरिक शिक्षा तो मिल रही है, लेकिन औद्योगिक या कार्यक्षेत्र के मुताबिक युवाओं में काबिलियत नहीं होती। ऐसे में ट्रेनिंग पर कंपनियों को समय और पैसा खर्च करना पड़ता है और क्षेत्र की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती। साथ ही इसका मकसद शिक्षा के दौरान ही नजदीक ही तीन से छह माह का प्रशिक्षण कौशल प्रदान करना है।

इन क्षेत्र में होगा काम
स्किल डेवलपमेंट के तहत नौ सेक्टर में काम किया जाएगा। इसमें आईटी, आईटीईएस, बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सेक्टर, रिटेल, ऑटोमोबाइल, मीडिया एंड इंटरटेनमेंट, हेल्थ सेक्टर में विशेषीकृत स्किल डेवलपमेंट की काफी गुंजाइश है। इन्हीं से जुड़े कोर्स भी शुरू होंगे।

कौशल है तो रोजगार है
कौशल है तो रोजगार है। कौशल विकास से उद्यमिता को भी बढ़ावा मिलता है। ऐसे में कौशल विकास से स्व-रोजगार के द्वार खुलते हैं। राष्ट्र एवं समाज में केवल डिग्री प्राप्ति के प्रयास की मानसिकता बदलनी होगी, बल्कि डिग्री के साथ-साथ विशेष रोजगार संबंधित कौशल विकसित करने का प्रयास करना होगा। -प्रो.आरएस सिवाच, शिक्षाविद

करवाई जाएंगी शोध गतिविधियां
देश में कौशल विकास का जो स्किल इंडिया मिशन (Skill India Mission) प्रधानमंत्री लेकर चले हैं, उसे एमडीयू (MDU) में जमीनी यथार्थ से जोड़ते हुए यह एमओयू किया जाना है। आज के वक्त की जरूरत है कि युवा वर्ग को रोजगार योग्य बनाया जाए। स्टूडेंट्स की ट्रेनिंग और प्लेसमेंट में मदद मिलेगी। उन्हें शोध गतिविधियां करवाई जाएंगी। -प्रो.बिजेंद्र कुमार पूनिया, कुलपति, एमडीयू।