कौशल विकास द्वारा आत्मनिर्भर बन दिव्यांग भी बनेंगे समाज की मुख्यधारा का हिस्सा : अनूप श्रीवास्तव

कानपुर : अपने हुनर को संवार अब दिव्यांग भी समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बनेंगे। वह भी अच्छी कंपनियों में नौकरी करने के साथ ही दूसरों पर निर्भर नहीं रह सकेंगे। दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कौशल विकास काउंसिल के सीईओ अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि 2011 की गणना के अनुसार देश में 2.80 करोड़ दिव्यांग हैं। यह लोग ज्यादातर दूसरों पर आश्रित होते हैं। अब कौशल विकास केंद्र में प्रशिक्षित होने के बाद वह स्वयं तो निर्भर होंगे ही और दूसरों को भी कमाकर खिला सकेंगे। उन्होंने बताया कि एक दिव्यांग व्यक्तियों पर अध्ययन कर उनके क्षेत्र को चुना जाता है। टेक्सटाइल फैक्ट्रियों में मशीनों में बहुत आवाज होती है इसलिए कारीगर को एक घंटे के बाद विराम दिया जाता है। इससे समय के साथ उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ता है। लेकिन श्रवण बाधित दिव्यांग यहां बिना विराम के अच्छा काम कर सकते हैं। इसी तरह आइटी सेक्टर व टेबल जॉब के लिए पैर से दिव्यांग व्यक्ति बेहतर होते हैं। ऐसे लोगों को उनकी दिव्यांगता के हिसाब से प्रशिक्षित कर रोजगार देते हैं। अभी तक 12 हजार लोगों को प्रशिक्षित कर चुके हैं और वह समाज की मुख्यधारा में आ गए हैं।

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