कागजों पर बेरोजगारों को दी स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग, बनाया 25 लाख का फर्जी बिल

रायपुर : युवाओं को स्किल डेवलपमेंट (कौशल विकास) की ट्रेनिंग के नाम पर बलौदाबाजार नगर पालिका में बड़ा फर्जीवाड़ा कर दिया गया। अफसरों ने कागज पर ही युवाओं को ट्रेंड करने का प्रोग्राम करवा दिया और भुगतान के रूप में 5 लाख रुपए भी ले लिए। संबंधित कंपनी को 20 लाख रुपए का भुगतान और किया ही जाने वाला था कि ऐन वक्त पर गोलमाल फूट गया।

शासन ने आनन-फानन में इस भुगतान को रोककर जांच बिठा दी है। यही नहीं, बलौदाबाजार कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि इस फर्जीवाड़े में नगरपालिका के सीएमओ समेत पांच लोगों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करा दी जाए।

केंद्र सरकार की इस योजना में गोलमाल फूटने के बाद नगरीय प्रशासन विभाग में खलबली मच गई। कुछ दिन पहले ही इस मामले में बलौदाबाजार की अपर कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी, नगरीय प्रशासनके डिप्टी सीईओ आलोक सूर और उप संचालक राजलक्ष्मी की टीम बनाकर जांच कराई गई।

पालिका के दस्तावेज, ट्रेनिंग सेंटर और रजिस्टरों की जांच के बाद टीम इस नतीजे पर पहुंची कि ट्रेनिंग के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है। इसके बाद सीएमओ जेबीएस चौहान को शोकॉज नोटिस जारी कर दिया गया। पालिका के क्लर्क कृदत्त तिवारी और कंप्यूटर ऑपरेटर रुद्र सिंह मरकाम बर्खास्त कर दिए गए, क्योंकि वे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी थे। मिशन मैनेजर अनिल कुमार सिंह और ज्योतिनारायण गुप्ता को भी नोटिस जारी की गई। यही नहीं, इन तमाम अफसरों-कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर की अनुशंसा भी कर दी गई।

कलेक्टर को भी नहीं बताया
– संस्थान के सीईओ अनिल कुमार सिंह और पालिका के सीएमओ जेबीएस चौहान पर आरोप है कि उन्होंने ट्रेनिंग देने से पहले कलेक्टर को हितग्राहियों की सूची, ट्रेनिंग का खर्च और ट्रेनर आदि के बारे में कुछ नहीं बताया।
– वित्तीय अनुमोदन भी नहीं लिया गया। कलेक्टर को सिर्फ ट्रेनिंग की जगह बताई गई और सीएमओ ने हितग्राहियों की फर्जी सूची इसके साथ अटैच करते हुए भुगतान के लिए नोटशीट तैयार कर ली।

मिशन मैनेजर की कंपनी
– ट्रेनिंग के लिए अनिल कुमार सिंह को मिशन मैनेजर बनाया गया। अनिल ने ट्रेनिंग का काम किसी और को देने के बजाय खुद ही मातृभूमि प्रशिक्षण संस्थान बनाकर अपनी ही कंपनी को काम दे दिया।
– इसमें उसने पालिका के सीएमओ, क्लर्क और कंप्यूटर ऑपरेटर को भी मिला लिया। सभी ने मिलकर फर्जीवाड़ा किया और रजिस्टर में ही ट्रेनिंग प्रक्रिया पूरी करवा दी।

आजीविका के लिए देना था प्रशिक्षण
– दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM) के तहत राज्य के कई जिलों में युवाओं को इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, आया, कारपेंटर, कंप्यूटर समेत कई विद्याओं का प्रशिक्षण देना था।
– बलौदाबाजार नगर पालिका को भी इसके लिए अधिकृत किया गया।
– पालिका के सीएमओ ने इस काम की जिम्मेदारी मातृभूमि समाज कल्याण संस्थान को दी। इस कंपनी के साथ पालिका ने एग्रीमेंट किया था कि वो पात्र युवाओं का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण देंगे।
– संस्थान ने युवाओं का चयन करने के बजाय रजिस्टर में फर्जी नाम लिखे और उन्हें प्रशिक्षित करने का दावा भुगतान की अर्जी कलेक्टर के पास लगा दी।
– कंपनी को पांच लाख 14 हजार 500 रुपए का भुगतान भी कर दिया गया। संस्थान ने दोबारा जब इसके भुगतान के लिए आवेदन किया तो अफसरों को उस पर शक हुआ और जांच के बाद प्रमाणित हो गया कि फर्जी तरीकों से भुगतान लेने की कोशिश की गई।

दी गई नोटिस
बलौदाबाजार नगरपालिका सीएमओ समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर करवाने के निर्देश कलेक्टर को दिए गए हैं। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर सबको पहले ही नोटिस दी जा चुकी है।

ऐसे किया फर्जीवाड़ा
– प्रशिक्षण देने वाली संस्थान मातृभूमि ने बलौदाबाजार के कई जगहों के युवक-युवतियों की सूची तैयार कर ली, इनमें से 47 लोग ऐसे थे जिन्हें पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका था।
– 30-30 हितग्राहियों के 6 फर्जी बैच बनाए गए। जांच करने के लिए जब सेंटर में अफसर पहुंचे तो उन्हें केवल सात लोग मिले, जो अलग-अलग जगहों के थे।
– एक हितग्राही को प्रशिक्षण के बदले कंपनी को 12500 रुपए का भुगतान करना था।

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