कौशल विकास योजना के तहत शिक्षित बेरोजगार बनेंगे पशु विशेषज्ञ

प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश : जिले के पशुपालकों को अब सरकारी अस्पताल जाकर पशु डॉक्टर को नहीं खोजना होगा, बल्कि प्रत्येक न्याय पंचायत में डॉक्टर मुहैया कराने के लिए गांव के शिक्षित लोगों को प्रशिक्षित करने की रणनीति बनाई गई है। पहले चरण में आठ न्याय पंचायतों में पशु विशेषज्ञों की तैनाती की जाएगी।

कौशल विकास योजना के तहत जिले में पशुपालकों के द्वार पर चिकित्सा और कृत्रिम गर्भाधान मुहैया कराने के लिए अब गांव के ही शिक्षित व्यक्ति को प्रशिक्षित किया जाएगा। मगर, इसके लिए व्यक्ति को हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में जीव विज्ञान विषय में अवश्य पास होना चाहिए। सरकारी अस्पतालों के  डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए योग्य लोगों को तैयार करने की योजना बनाई गई है। अधिकतम चालीस वर्ष के आठ व्यक्तियों के चयन के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।

जिला पशु चिकित्साधिकारी डॉ. वीपी सिंह ने बताया कि अपनी न्याय पंचायत से योग्यता रखने वाले युवा छह अगस्त तक विभाग में प्रार्थना पत्र दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि छह माह के होने वाले प्रशिक्षण में पशुओं में होने वाले रोगों के लक्षण, उपाय और कृत्रिम गर्भाधान में निपुण किया जाएगा। हालांकि ऐसे लोगों को सरकार की तरफ मानदेय को लेकर अभी कुछ निर्णय नहीं हुआ है। अफसरों का कहना है कि प्रशिक्षण के बाद ही कुछ हो सकता है।

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