छात्रों ने एकत्र होकर कौशल विकास के नाम पर लाखों की छात्रवृत्ति हड़पने वालों के खिलाफ किया प्रदर्शन

भोजीपुरा, बरेली : प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana) के अंतर्गत कंप्यूटर ट्रेनिंग के नाम पर तमाम छात्रों की लाखों रुपये की छात्रवृत्ति हड़प ली गई। कैश निकलने पर मोबाइल पर आए मैसेज के बाद छात्रों को फर्जीवाड़े की जानकारी हुई तो वह एकत्र होकर थाने पहुंच गए और प्रदर्शन किया। उन्होंने सेंटर संचालक और बैंक प्रबंधक के खिलाफ तहरीर दी।

सपा लोहिया वाहिनी के भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष अब्दुल शाहिद एडवोकेट के साथ थाने पहुंचे करीब 25 छात्रों ने पुलिस को बताया कि उन लोगों ने भोजीपुरा के एक कंप्यूटर सेंटर के संचालक अरविंद कुमार के कहने पर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के तहत पंजीकरण कराया था। बताया कि संचालक ने करीब 90 छात्रों से प्रति छात्र बारह सौ रुपये लिए थे। कहा था कि कोर्स पूरा होने के बाद सात हजार पांच सौ रुपये हर छात्र के खाते में छात्रवृत्ति आएगी। उन सभी के खाते यहां क्षेत्रीय बड़ौदा पश्चिमी उप्र बैंक शाखा में संचालक ने ही खुलवा दिए और सभी की पासबुक अपने पास रख लीं। आरोप है कि उसी वक्त सेंटर संचालक और प्रबंधक ने धोखे से उन लोगों से नेफ्ट (NEFT) फार्म पर हस्ताक्षर करा लिए। जब चार जून को केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति का रुपया उनके खातों में भेजा तो वह नेशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन (NSDC) आईसीआईसीआई बैंक के खाता संख्या 182305333171 में ट्रांसफर हो गया। अब न तो संचालक और बैंक प्रबंधक उनकी बात सुन रहे हैं, उन्हें उल्टा धमकाया जा रहा है। छात्रों ने तहरीर देकर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की।

छात्रों की बात सुनकर प्रभारी एसओ मदन सिंह ने सेंटर संचालक अरविंद को बुलाकर पूछताछ की तो वह बगलें झांकने लगा। फिर उसने 17 जून तक की मोहलत मांगी थी। एसओ ने छात्रों को आश्वासन दिया और बताया कि वे दोनों पक्षों को बैठाकर बातचीत करेंगे। मामला न सुलटा तो आगे कार्रवाई की जायेगी।

एक साथ इतने खाते खुलवाने और सभी का धन एक ही खाते में ट्रांसफर कर देने से बैंक शाखा भी सवालों के घेरे में आ गई है। पूछताछ की तो शाखा प्रबंधक चंद्रमोहन छावड़ा पहले तो कुछ बताने को तैयार नहीं हुए। बाद में सारा दोषारोपण सेंटर संचालक पर कर दिया। कहा कि निफ्ट फार्म के आधार पर बैंक ने तो नियमानुसार संबंधित खाते में छात्रवृत्ति का धन डाल दिया। अगर सेंटर संचालक उनसे कहेगा तो यह धनराशि दोबारा से छात्रों के खातों में ट्रांसफर कर दी जायेगी।

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