श्रीनगर : वित्त एवं श्रम रोजगार मंत्री डॉ. हसीब द्राबु ने पूर्व सरकार द्वारा शुरू की गई शेरे कश्मीर रोजगार एवं युवा कल्याण योजना (एसकेईडब्ल्यूवाइपी) का नाम बदलने से इन्कार करते हुए कहा कि इस योजना को बंद नहीं किया है, बल्कि इसकी समीक्षा कर इसे और ज्यादा व्यावहारिक बनाने की प्रक्रिया जारी है।
राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान नेशनल कांफ्रेंस के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मियां अल्ताफ द्वारा राज्य में बेरोजगारी के मुददे पर उठाए गए सवाल के दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा कि हमने एसकेईडब्ल्यूवाइपी (SKEWYP) योजना बेरोजगारी से निपटने के लिए शुरू की थी। उन्होंने वित्तमंत्री की तरफ देखते हुए कहा कि इस योजना का खाका तैयार करने वालों में आप भी थे, उस समय अगर यह योजना सही थी तो आज खराब कैसे। इसे बंद क्यों किया गया है, अगर इसका नाम बदलना है तो बदलिए, मुझे एतराज नहीं, लेकिन इसे लागू कीजिए। वित्तमंत्री ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन के दौरान कई खामियां पाई गई हैं। इसलिए इस पर अमल रोका गया और हम इसकी समीक्षा कर इसे और ज्यादा व्यावहारिक बनाकर लागू किया जाएगा।
हालांकि योजना का नाम बदलना सरकार का विशेषाधिकार है, लेकिन अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। इससे पूर्व उन्होंने मियां अल्ताफ के सवालों का जवाब देते हुए बताया मार्च, 2016 तक 1,11,077 युवा राज्य के विभिन्न जिला रोजगार और परामर्श केंद्र में पंजीकृत थे। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों का पंजीकरण अनिवार्य नहीं है, इसलिए उनकी संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है। सही संख्या का पता लगाने के लिए हम जल्द ही समग्र सर्वे कराएंगे। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी से निपटने के लिए राज्य सरकार कई ठोस कदम उठा रही है।
सरकार ने फास्ट ट्रैक भर्ती करने के लिए अराजपत्रित पदों को भरने के लिए एक नीति अपनाई है, सरकार के किसी भी विभाग या सेवा की स्थापना पर वहन और इस तरह के राजपत्रित पदों को समय-समय पर अधिसूचित किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस नीति को लागू करने के लिए एसआरओ 202 ऑफ 2015 दिनाक 30/6/2015 जारी कर, जम्मू-कश्मीर विशेष भर्ती नियम 2015 अधिसूचित किया गया है। मंत्री ने कहा कि बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए स्वरोजगार एवं कौशल विकास (skill development) पर विशेष जोर देने के साथ युवाओं के रोजगार बढ़ाने के लिए बीज पूंजी निधि योजना, यूथ स्टार्ट अप ऋण योजना, सावधि जमा और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम और महिला उद्यमिता कार्यक्रम के शिक्षा ऋण योजना जैसी अनेक योजनाएं को निजी क्षेत्र में लागू किया गया है।
अनुपूरक के जवाब में मंत्री ने कहा कि बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से सरकार आकस्मिक मजदूरों की मौजूदा सही संख्या का पता लगाएगी। फिलहाल, ऐसे मजदूरों की संख्या 60 हजार के करीब है। इनकी सहीं संख्या का पता चलने के बाद इनकी सेवाएं नियमित करने पर प्रभावशाली कदम उठाए जाएंगे।
Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.