प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के मामले में लगातार मिल रही शिकायतों पर दिए जांच के आदेश

अजमेर : शहर में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के नाम पर सरकार से मिलने वाली सैकड़ों युवाओं की रिवॉर्ड मनी गलत तरीके से अपने खाते में ट्रांसफर कराने के मामले में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने मंगलवार को जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया है।

टीम अब जिले भर के ऐसे सभी संस्थानों को खंगालेगी, जहां इस योजना में किसी भी तरह का कोर्स कराया जा रहा है। जांचा जाएगा कि कितने बच्चे इसका लाभ ले रहे हैं, उनकी क्लासेस होती हैं या नहीं। बच्चों को रिवॉर्ड मनी मिली या नहीं आैर सर्टिफिकेट दिया गया या नहीं। कलेक्टर ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। जांच रिपोर्ट पूरी होने के बाद केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी। भास्कर में योजना के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला उजागर होने के बाद पीएमआे की टीम भी अलर्ट हो गई है।

यह हैं जांच के बिंदु

-जिले भरमें ऐसे इंस्टीट्यूट की सूची तैयार की जाएगी, जहां प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत किसी भी तरह का कोई प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कौन सा इंस्टीट्यूट किस तरह की ट्रेनिंग दे रहा है आैर कितने बच्चे उसके यहां ट्रेनिंग ले रहे हैं।

-ट्रेनिंग लेने वाले बच्चों के परिवार की आर्थिक स्थिति क्या है। क्या वास्तव में ये बच्चे प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में स्किल्ड बेस्ड ट्रेनिंग लेने के लिए योग्य हैं या नहीं। बेरोजगार आैर स्कूल-कॉलेज से ड्रॉपआउट बच्चे हैं या नहीं।

-इंस्टीट्यूट रजिस्टर्ड है या नहीं, वहां जिस तरह की ट्रेनिंग या कोर्स कराया जा रहा है, उसके अनुरूप पर्याप्त योग्य शिक्षक हैं या नहीं। साथ ही यह जांचा जाएगा कि ट्रेनिंग के लिए उपयुक्त मशीनरी उस इंस्टीट्यूट में है या नहीं।

-इंस्टीट्यूट के संचालक की योग्यता भी जांची जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि वह किसी आेर लाभ के पद पर तो सेवारत नहीं है। इसके अलावा जांच में यह भी शामिल होगा कि संचालक कितने समय इंस्टीट्यूट में मौजूद रहता है।

-ट्रेनिंग लेने के बाद इंस्टीट्यूट द्वारा कितने बच्चों का जॉब प्लेसमेंट करवाया गया। बच्चे कहां-कहां किन कंपनियों में काम कर रहे हैं, यह भी क्राॅस चैक किया जाएगा। प्लेसमेंट कब हुए आैर क्या वास्तव में उन्हें यह नौकरी प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से प्राप्त प्रशिक्षण के द्वारा ही मिली है।

कलेक्टर ने एडीएम (द्वितीय) अबु सूफियान चौहान के नेतृत्व में टीम का गठन कर मामले की जांच के आदेश दिए। टीम में लीड बैंक मैनेजर आैर इंप्लायमेंट ऑफिसर को भी शामिल किया गया है। मामला गंभीर है, तीन अधिकारियों की टीम विभिन्न पहलुओं पर जांच करेगी। प्रमुख रूप से प्रशिक्षणार्थी, ट्रेनिंग सेंटर आैर बैंक ट्रांजेक्शन को खंगाला जाएगा। जांच में दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। जांच रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।

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