रोजगार व कौशल विकास को बढ़ावा देने से मिल रहा है केंद्र और राज्य सरकार को काफी राजस्व

मुसाबनी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया में सूचीबद्ध इंडिया रिसोर्सेस लिमिटेड (आइआरएल) पूर्वी ¨सहभूम के घाटशिला अनुमंडल के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र मुसाबनी, डुमरिया व सुरदा आदि जगहों से अबतक 1500 लोगों को रोजगार दे चुकी है। वर्ष 2007 से यहां के लोगों के बीच उम्मीद की किरण बनकर एचसीएल की सुरदा माइंस में उत्खनन का कार्य कर रही है। कंपनी ने अब तक सैकड़ों युवाओं का कौशल विकास कर प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाने के बाद कंपनी में रोजगार दिया है। 2003 में एचसीएल की अधिकांश खदानें बंद होने के कारण भयंकर बेरोजगारी और विपन्नता फैल से लोग आर्थिक रूप से कमजोर हो गए थे। तभी 2007 में ऑस्ट्रेलियन कंपनी आईआरएल यहां पहुंची।

अपनी उन्नत तकनीक, दक्ष अधिकारियो और मेहनतकश मजदूर- कर्मचारियों की बदौलत जर्जर सुरदा माइंस और मुसाबनी प्लांट में काम शुरू किया। बकौल कंपनी के जीएम बीएन शुक्ला खनन में एचसीएल कंपनी के सारे पुराने रिकार्ड को तोड़ कर उत्पादन का नया कीर्तिमान स्थापित किया। रोजाना 1400 टन ताम्र अयस्क के उत्पादन पर आईआरएल का ध्यान केंद्रित है। काफी कम समय में आईआरएल ने लोगों में रोजगार सृजन का कार्य कर क्षेत्र में आकर्षण का केंद्र बन गयी। आईआरएल ने सभी बाधाओं को पार कर रोजगार सृजित करने के साथ कौशल विकास के क्षेत्र में अहम भूमिका निभायी। इस कंपनी से केंद्र और राज्य सरकार को काफी राजस्व भी मिल रहा है।

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