शिक्षा मंत्री बोले, गुणवत्ता नहीं सुधारी तो बंद होंगे संबद्ध संस्थान, कहा वर्तमान दौर है स्किल बेस्ड लर्निंग का

लखनऊ:  डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि के तिलक हाल में सोमवार को पहली परामर्शदात्री समित का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्राविधिक शिक्षा मंत्री फरीद महफूज किदवई ने एकेटीयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की सराहना करते हुए कहा कि जब से प्रो. पाठक विवि के कुलपति बने हैं विवि के कार्यों में पारदर्शिता आई है। पिछले 10 माह में डिजिटल तकनीक के कारगर प्रयोग से छात्रों की शिकायतों का निराकरण आसान हुआ है। कुलपति प्रो. पाठक की अगुवाई में विवि सही दिशा में प्रगति कर रहा है। परामर्श दात्री समिति के अध्यक्ष के रूप में प्राविधिक शिक्षा मंत्री फरीद महफूज किदवई ने सरकारी संस्थानों में शिक्षकों के आवश्यक पदों के सृजन पर सरकार की प्रतिबद्धता दोहरायी साथ ही उन्होंने शिक्षकों के रिक्त पदों को तत्काल भरे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विवि से संबद्ध संस्थानों को अपनी गुणवत्ता सुधारनी ही होगी अन्यथा इस पर स्तर हीन संस्थानों को बंद करने जैसे कठोर कदम भी सरकार को उठाने पड़ सकते है।

परामर्शदात्री समित का उद्देश्य एकेटीयू, लखनऊ को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करना एवं विवि के संबद्ध संस्थानों में गुणवत्तापरक शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु परिचर्चा करना था| इस दौरान बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों के सुझाव आमंत्रित किए गए| इस पर उपस्थित सभी सदस्यों अपना मत प्रकट किया।

प्रो. एचपी किंचा के कहा कि वर्तमान में आवश्यकता है एकेडमिक इंटिग्रिटी की | साथ ही साथ विवि को संबद्ध संस्थानों के आकादमिक ऑडिट के लिए टीम का गठन करना चाहिए| शोध एवं नवाचार के प्रति छात्रों की रूचि जाग्रत करने के लिए संस्थानों में डिस्कवरी साइंस लैब की स्थापना की जानी चाहिए| उन्होंने ने यह भी कहा कि अध्यापकों के चयन के लिए डिफेन्स या आईएएस एकेडमी जैसी ट्रेनिंग के लिए इंजीनिरिंग ग्रेजुएट छात्रों का चयन कर उनकी ट्रेनिंग कराई जानी चाहिए।

प्रो. आरबी मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में छात्रों के लिए छह माह की इंडस्ट्री ट्रेनिंग की व्यवस्था की जानी चाहिए| इसके लिए यदि आवश्यकता हो तो चार वर्ष के पाठ्यक्रम को चार वर्ष छह माह का क्यों न कारण पड़े।प्रमुख सचिव प्रशि मुकुल सिंघल ने कहा कि सदस्यों के मत इस बात की ओर ईशारा कर करा है कि विवि के संस्थानों में आचार्यों की कमी है। इस पर उन्होंने संबद्ध सरकारी संस्थानों के निदेशकों को निर्देश दिया कि वे खाली पदों पर तत्काल भर्ती की प्रक्रिया करें| साथ ही यदि और पदों की आवश्यकता हो तो उसकी रिक्वायरमेंट शीघ्र अतिशीघ्र शासन को भेजें।वर्तमान में विवि गुणवत्तापरक शिक्षा मुहैया कराने के लिए जोरों से प्रयासरत है इस कार्य में तेजी लाने के लिए शासन हर संभव मदद देने को तैयार है।

वि.वि. के कुलपति प्रो. वीके पाठक के अनुसार वर्तमान दौर में स्किल बेस्ड लर्निंग का दौर है। यूनिवर्सिटी का यह लक्ष्य है कि संबद्ध संस्थानों से निकलने वाले छात्र में लीडरशिप एवं इंटरप्योर्नशिप जैसे कौशल हो, जिससे वह स्टार्टअप, स्किल इंडिया जैसी योजनाओं का लाभ उठा सके।

Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.