हुआ कौशल विकास पर नहीं मिला रोजगार, भटक रहे हैं प्रशिक्षित युवक-युवतियां

चाईबासा : सारंडा एक्शन प्लान के तहत कई योजनाएं बनी हैं। जिसमें एक है कौशल विकास कार्यक्रम। इसके तहत सारंडा के बेरोजगार युवक-युवतियों कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा और इसके बाद रोजगार। लेकिन दो साल से एएनएम का प्रशिक्षण प्राप्त कर करीब 55 युवतियां रोजगार की तलाश में भटक रहीं हैं।

बुधवार को ये उपायुक्त डा. शांतनु कुमार अग्रहरि व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जॉन जोसेफ बेंजामिन तिर्की से मुलाकात की। प्रशिक्षण प्राप्त युवती लक्ष्मी नाग ने कहा कि सारंडा एक्शन प्लान के तहत कौशल विकास कार्यक्रम के तहत टाटा स्टील की ओर से रांची के बारियातु, लोहरदगा व चान्हो में 55 युवतियां दो साल की प्रशिक्षण प्राप्त किये हैं। इसके बाद अब नौकरी के तालाश में सभी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशिक्षण के दौरान तत्कालीन केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश, तत्कालीन उपायुक्त अबुबक्कर सिद्दीक.पी व डीपीओ जेजेबी तिर्की ने आश्वासन दिया था कि प्रशिक्षण के बाद जिला में ही सभी की नियुक्ति करने का प्रयास किया जाएगा। इसमें सरकार के दिशा-निर्देश का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण लेने के बाद सभी युवतियां बेरोजगार बैठी है। सभी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली युवतियां सारंडा के मनोहरपुर प्रखंड के बीहड़ में रहती है।

इस संबंध में डीपीओ जेजेबी तिर्की ने कहा कि प्रशिक्षण देने वाली संस्था के साथ ओएमयू जिला प्रशासन का किया गया था, जिसमें उसी संस्था को प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवतियों को रखने की बात हुई थी। पिछले दिनों टाटा स्टील की ओर से 18 एएनएम प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली युवतियों को साक्षात्कार कोलकाता में लिया गया है। अन्य युवतियों को भी टाटा स्टील कंपनी से बात कर नौकरी में रखने की मांग की जाएगी। जिससे युवतियों को काम मिल सके।

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