ये है स्किल इंडिया का सच, प्रशिक्षण के बाद भी दूर नहीं हुई बेरोजगारी

धमतरी ( छत्तीसगढ़) : कौशल विकास प्रशिक्षण देकर युवाओं का हुनरमंद तो बनाया जा रहा है, विडंबना यह है हुनरमंद बन जाने के बाद भी बेरोजगारी उनका पीछा नहीं छोड़ रही है। प्रशिक्षण के बाद भी सैकड़ों युवा नौकरी के लिए भटक रहे हैं। पिछले दो साल रिकार्ड देखें तो कौशल विकास प्रशिक्षण के बाद मात्र 33 प्रतिशत युवाओं को ही रोजगार मिल पाया है। बाकी के 67 प्रतिशत युवा आज भी रोजगार की तलाश कर रहे हैं।

कौशल विकास विभाग द्वारा युवाओं को ट्रेनिंग देकर हुनरमंद बनाया जा रहा है। लेकिन हुनरमंद बनाने के बाद इन युवाओं के लिए रोजगार उपलब्ध कराना विभाग के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। आज साढ़े 5 हजार से अधिक युवा ट्रेनिंग लेकर भी नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। रिकार्ड देखें तो कौशल उन्नयन योजना के तहत पिछले दो साल 8 हजार 417 लोगों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित किया गया, लेकिन इसमें से मात्र 2 हजार 782 युवा ही नौकरी और स्वरोजगार से जुड़ पाए हैं, जबकि 5 हजार 635 युवा आज भी बेरोजगार हैं। यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

तो कैसे मिले जॉब

युवाओं का रूझान सिर्फ कम्प्यूटर तक सीमित होकर रह गया है। इस ट्रेड में रायपुर सहित राजनांदगांव सहित अन्य बड़े शहरों में नौकरी के अवसर हैं। धमतरी में अवसर कम हैं। उधर युवा बाहर जाकर काम नहीं करना चाहते हैं, जिसके चलते प्रशिक्षित होने के बाद भी वे बेरोजगार रह जाते हैं। इसी प्रकार अधिकांश युवतियां सिलाई मशीन और ब्यूटी पार्लर ही सिखना चाहती है। कौशल उन्नयन योजना के तहत टै्रक्टर रिपेरिंग, जेसीबी आपरेटिंग, हॉस्पीटालिटी, मोटर साइकिल रिपेरिंग, कार रिपेरिंग, अकाऊंटिंग, टैली, ड्राइविंग, बैकिंग, इलेक्ट्रिशियन, वेल्डिंग, कम्प्यूटर हार्डवेयर, स्प्रेयर रिपेरिंग, खेती, मेडिकल, नर्सिंग सहित 50 से अधिक ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन ट्रेडों में पर्याप्त जॉब भी उपलब्ध हैं, लेकिन युवा इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

भटक रहे युवा

कौशल विकास योजना के तहत सहायक परामर्शदाता का प्रशिक्षण लेने वाले सभी युवा आज नौकरी के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। कई बार उन्होंने कलक्टर से भी रोजगार दिलाने की गुहार लगाई। युवा पंकज कुंभकार, चंद्रहास, लोकेश कुमार, चित्रसेन, अखिलेश, गीतिका, नवीन कुमार गजबिए , भूपेंद्र कुमार भूआर्य, अजय, मीना, रिद्धि राजपुरिया, मनोज आदि ने बताया कि 7 दिसंबर 2015 को कौशल विकास योजना के तहत सहायक परामर्शदाता का प्रशिक्षण लिया। इस 200 घंटे के प्रशिक्षण में उन्हें थ्यौरी के साथ प्रैक्टिकल भी करवाया गया। अधिकारियों ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जा सका है।

70 प्रतिशत प्लेसमेंट अनिवार्य

जिला कौशल विकास अधिकारी एसके गुप्ता ने बताया कि वीटीपी सेंटरों को प्रशिक्षण के बाद 70 प्रतिशत युवाओं को रोजगार दिलाना अनिवार्य है। तभी सेंटर को अगले ट्रेनिंग देने के लिए अधिकृत किया जाएगा। अन्य जिलों की अपेक्षा धमतरी में प्लेसमेंट का प्रतिशत अच्छा है। धमतरी एक मात्र जिला है जहां टरेनिंग के बाद युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए शासकीय प्लेसमेंट एजेंसी संचालित हैं।

फैक्ट फाइल

युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण -8417

निजी क्षेत्र में युवाओं को रोजगार -1034

अद्धशासकीय क्षेत्र में युवाओं को रोजगार-100

शासकीय क्षेत्र में युवाओं को रोजगार -46

प्रशिक्षण के बाद स्वरोजगार से जुड़े युवा-1615

प्रशिक्षण के बाद रोजगार का प्रतिशत-33.05

युवओं को नहीं मिला रोजगार-5635

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