धनबाद (झारखंड) : उग्रवाद प्रभावित इलाकों में कौशल विकास से युवाओं को रोजगार से जोड़ने की पहल की गई है। इससे राह से भटके युवाओं को मुख्यधारा में लौटाना मुमकिन होगा। झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी ने राज्य में बेरोजगार युवाओं का कौशल विकास के माध्यम से सशक्तीकरण कर रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सक्षम योजना की शुरुआत की है।
उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अधीन योजना के तहत धनबाद जिले में चार केंद्रों का संचालन शुरू हुआ है। इनमें पुरुषों के साथ-साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्र की युवतियां भी शामिल हैं जिन्हें हुनरमंद बनाया जा रहा है। प्रशिक्षण के साथ खानपान व आवासीय सुविधा भी मुहैया कराई गई है। विशेषज्ञों के अनुसार राज्य में 20 से 30 आयु वर्ग के युवक-युवतियों की अनुमानित संख्या करीब एक करोड़ दस लाख है, जो राज्य की कुल आबादी का लगभग 32 फीसद है।
आगामी वर्षो में इस संख्या में लगभग तीन फीसद वार्षिक वृद्धि संभावित है जिससे वर्ष 2020 तक यह संख्या करीब एक करोड़ पचास लाख होगी। युवा शक्ति को सक्षम मानव संसाधन के रूप में विकसित करने के लिए ही स्वरोजगार के माध्यम से स्वावलंबन की ओर ले जाने की पहल की गई है।
राकेश कुमार सिन्हा, श्रम अधीक्षक ने कहा कि कौशल विकास के लिए सक्षम योजना के तहत चार केंद्रों की शुरुआत हो चुकी है। इनमें महिला प्रशिक्षण की विशेष व्यवस्था की गई है जहां नक्सल प्रभावित क्षेत्र की महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं। जिले में तीन अन्य केंद्र भी जल्द खुलेंगे।
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