धनबाद : राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के तहत शहरी गरीबों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके कौशल विकास के लिए चयनित 10 स्किल ट्रेनिंग प्रोवाइडरों को नगर निगम ने हटा दिया है। बेरोजगारों को सही ढंग से प्रशिक्षण नहीं देने और उनके लिए रोजगार की व्यवस्था नहीं करने के आरोप में उन्हें हटाया गया है। निगम ने उनकी शिकायत नगर विकास विभाग से भी की है और सभी को ब्लैक लिस्टेड करने की अनुशंसा की है। इन 10 ट्रेनिंग प्रोवाइडरों का चयन नगर विकास विभाग ने वित्तीय वर्षों 2014-15 और 2015-16 के लिए किया था। साल 2014-15 में ट्रेनिंग के लिए 8 और 2015-16 में 9 कंपनी चुके गए थे। पहले साल में 4860 और दूसरे साल में 6363 युवक-युवतियों का चयन ट्रेनिंग के लिए किया गया था।
इन्हें नगर निगम ने हटाया
वेंचर स्किल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एसएमडी टैक्नोलॉजी, एम कोन्स मीडिया मार्केटिंग, वीएलसीसी हेल्थ केयर लिमिटेड, श्रीराम न्यू होरियन्स लिमिटेड, एसएन सिन्हा इंस्टीच्युट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, संत रविदास चार्मर कल्याण समिति, इंस्टीच्युट ऑफ कोसप्यूटर, ओरियन एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड और पुरुषार्थ को नगर निगम ने हटा दिया है। ट्रेनिंग के एवज में इन्हें स्थापना फंड के रूप में दो वर्षों में 3.7 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
ब्लैक लिस्ट करना जरूरी
उप नगर आयुक्त, मनोज कुमार ने बताया की ट्रेनिंगके नाम पर इन कंपनियों ने केवल खानापूर्ति की है। तो युवाओं के कौशल विकास पर ध्यान दिया और ही उन्हें रोजगार दिलाने का प्रयास किया। इन दोनों कार्यों में सभी प्रोवाइडर विफल रहे, इसलिए उन्हें ब्लैक लिस्टेड करने की अनुशंसा की गई है।
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