विस्थापित परिवारों का आंगन काैशल विकास कार्यक्रम से होगा रोशन

धनबाद :  कोल इंडिया की इकाई भारत कोकिंग कोल लिमिटेड विस्थापित परिवार के युवकों को रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। 2014 में विस्थापित युवकों को को-ऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से बीसीसीएल में भाड़े पर वाहन लेकर रोजगार उपलब्ध कराने व माइनिंग सरदार व ओवरमैन ट्रेनिंग के बाद मोटर ट्रेनिंग के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कदम बढ़ दी है। बीसीसीएल कार्मिक विभाग इस दिशा में ड्राफ्ट तैयार करने में जुट गया है।

प्रथम चरण में सौ युवकों को इसमें शामिल किया जाएगा। एचएमवी ट्रेनिंग के लिए आठवीं पास होना अनिवार्य है। एलएमवी के लिए अक्षर ज्ञान की जरूरत है। झारखंड सरकार के मोटर ट्रेनिंग सेंटर के साथ मिलकर इस काम को बीसीसीएल प्रबंधन अंजाम तक पहुंचाएगी। इसके लिए मोटर ट्रेनिंग सेंटर के प्रबंधक के साथ बीसीसीएल की बैठक में विस्तार से चर्चा हो चुकी है। हेवी मोटर व्हीकल व लाइट व्हीकल ट्रेनिंग के लिए एक माह का प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया है। ट्रेनिंग स्कूल से सर्टिफिकेट लेने के बाद लाइसेंस के लिए परिवहन कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।

आउटसोर्सिंग कंपनी में मिलेगा रोजगार का मौका : हैवी मोटर ट्रेनिंग में सफल होने वाले युवकों को बीसीसीएल में खनन काम में लगी आउटसोर्सिंग कंपनी में मौका मिलेगा। इससे कई तरह का लाभ कंपनियों को मिलेगा।

कितनी राशि खर्च का अनुमान : हेवी मोटर ट्रेनिंग के मद में प्रति युवक 16 हजार का खर्च आएगा। राज्य सरकार व बीसीसीएल अगर करार करती है, तो सरकार इसमें रियायत भी दे सकती है, जिस पर प्रबंधन प्रयासरत है।

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