मध्यप्रदेश के छात्रों को ट्रेनिंग देने लंदन से आएंगे शिक्षक

इंदौर (मध्यप्रदेश) : शहर में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट प्रदेश के छात्रों के लिए भी फायदेमंद साबित हुई। समिट में लंदन यूनिवर्सिटी से आए डेलिगेट्स और प्रदेश के तकनीकी और कौशल विकास के अधिकारियों के बीच प्रदेश के छात्रों को विभिन्न फील्ड में ट्रेनिंग देने के लिए अनुबंध पर सहमति बनी। अधिकारियों का कहना है कि कुछ ही महीने में लंदन यूनिवर्सिटी का सेंटर इंदौर या भोपाल में शुरू होगा। इससे छात्रों को इंटरनेशनल स्तर की ट्रेनिंग मिल सकेगी।

कंपनियों में छात्रों की मांग को देखते हुए लिया निर्णय

प्रदेश के तकनीकी और कौशल विकास राज्यमंत्री दीपक जोशी ने  बताया कि अगले सालों में प्रदेश में कई आईटी और अन्य उद्योग आने वाले हैं। ऐसे में सरकार के लिए जरूरी है कि यहां के छात्रों को कंपनियों की जरूरत के हिसाब से तैयार किया जाए।

लंदन यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से मुलाकात कर इंटरनेशनल स्तर के साधनों के साथ छात्रों को विभिन्न तरह की ट्रेनिंग देने के लिए आमंत्रित किया गया है। एक-दो महीने में प्रदेश के प्रतिनिधि लंदन जाएंगे या वहां के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर अनुबंध किए जाएंगे। इससे बाहर के बेहतर शिक्षकों का फायदा यहां के छात्रों को मिल पाएगा।

वर्तमान में प्रदेश की स्थिति

प्रदेश से हर साल करीब आठ हजार से ज्यादा तकनीकी और मैनेजमेंट के छात्र पासआउट हो रहे हैं, लेकिन इनमें से दो हजार को भी नौकरी नहीं मिल रही है। इसके पीछे तकनीकी और कौशल विकास की कमियां सामने आई हैं। प्रदेश के छात्रों की कम्युनिकेशन से भी कंपनियां संतुष्ट नहीं हैं। इन सभी कमियों को लंदन से आने वाले शिक्षक दूर करेंगे।

हर तरह की मदद उपलब्ध कराएगी यूनिवर्सिटी

कौशल विकास के तहत प्रदेश सरकार हर साल कम से कम 50 हजार छात्रों को नौकरी दिलाना चाहती है। इसके लिए एसजीएसआईटीएस और प्रदेश के कुछ अन्य सरकारी कॉलेजों को छात्रों को तैयार करने के लिए बेहतर किया जा रहा है। कौशलविकास के लिए प्रदेश में भी ट्रेनिंग देने वालों की भर्ती की गई है। आईटीआई के छात्रों को भी इंजीनियरिंग स्तर की ट्रेनिंग देकर बड़ी कंपनियों की प्लेसमेंट प्रक्रिया में बैठाया जाएगा।

ट्रेनिंग के लिए अनुबंध पर सहमति

“ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में लंदन यूनिवर्सिटी से आए डेलिगेट्स से प्रदेश के छात्रों को कौशल विकास की ट्रेनिंग देने के लिए अनुबंध की बात पर सहमति बनी है। एक-दो महीने में इस पर अमल हो जाएगा और बाहर के विषय विशेषज्ञों का फायदा मिलना शुरू हो जाएगा। – दीपक जोशी, राज्यमंत्री, तकनीकी व कौशल विकास मप्र”

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