कौशल विकास के लिए मध्यप्रदेश सरकार टीसीएस और नेसकाॅम के साथ करेगी एमओयू, खोलेगी फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर, देगी पॉलीटेक्निक संस्थानों में आईटीआई खोलने की मंजूरी

भोपाल : इंजीनियरिंग छात्रों को पढ़ाने से पहले टीचर नई टेक्नोलॉजी की बारीकियां सीखेंगे। इसके लिए राज्य सरकार भोपाल, इंदौर, ग्वालियर व जबलपुर में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाने के लिए सेंटर खोलेगी। सेंटरों को चलाने में नेसकॉम राज्य सरकार की मदद करेगा। प्रदेश के 20 हजार इंजीनियरिंग छात्रों को भी स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग में नेसकॉम टेक्निकल सहयोग देगा। फैकल्टी की ट्रेनिंग के लिए राज्य सरकार टीसीएस और नेसकाॅम के साथ एमओयू करेगी। पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए भी इन कंपनियाें का सहयोग लिया जाएगा।

तकनीकी शिक्षा विभाग और एसोसिएशन ऑफ टेक्निकल एंड प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट द्वारा शुक्रवार काे जहांनुमा पैलेस में तकनीकी शिक्षा पाठ्यक्रम में परिवर्तन विषय पर हुई कार्यशाला में इस पर सहमति बन गई है। नेसकाॅम की वाइस प्रेसीडेंट डॉ. संध्या चिंताला ने इस दौरान कहा कि ग्लोबल चेंज के साथ चलने के लिए पाठ्यक्रम में परिवर्तन जरूरी है। हर महीने नई टेक्नोलॉजी मार्केट में आ रही है। इस लिहाज से इंजीनियरिंग छात्रों को भी तैयार करने की जरूरत है। लेकिन यह तभी संभव होगा जब टीचर्स को भी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की जानकारी होगी। इसके लिए टीचर्स को इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग दिलाना सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने आउटकम के आधार पर पाठ्यक्रम निर्धारित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि आठवीं पास लड़का मोबाइल और लेपटॉप सुधार लेता है, लेकिन बीई इलेक्ट्राॅनिक्स वाला नहीं।

रोजगार के अवसर बढ़ाने की तैयारी

डॉ. चिंताला ने बताया कि आईटी सेक्टर की कंपनियों के साथ अब कोर कंपनियों में भी रोजगार के नए अवसर विकसित करने की तैयारी की जा रही है। इसका फायदा कोर ब्रांच के छात्रों को होगा। विशेष अतिथि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सदस्य सचिव डॉ. एपी मित्तल ने बताया कि पॉलीटेक्निक संस्थानों में आईटीआई खोलने की मंजूरी के लिए जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।

सरकार मदद करेगी, पहले लेकिन इससे पहले पाठ्यक्रमों की कमियां दूर करें

तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि तकनीकी संस्थाओं के विकास के लिए शासन द्वारा हरसंभव सहयोग दिया जाएगा लेकिन इससे पहले पाठ्यक्रमों की कमियों को दूर कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि पुराना पाठ्यक्रम पढ़ने से छात्रों को राेजगार नहीं मिल पा रहा है। कम से कम 50 फीसदी पाठ्यक्रम में बदलाव जरूरी है। उन्होंने प्रदेश की तकनीकी संस्थाओं को राष्ट्रीय-स्तर की संस्था बनाने के लिए मिलकर प्रयास करने की बात कही। वहीं, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा कल्पना श्रीवास्तव ने स्किलिंग मध्यप्रदेश और ट्रांसफार्मिंग इंडिया के लिए सामूहिक प्रयास पर जोर दिया। कार्यक्रम में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष त्रिवेदी, संचालक तकनीकी शिक्षा डॉ. आशीष डोंगरे, एटीपीआई के अध्यक्ष जेएन चौकसे और सचिव बीएस यादव मौजूद रहे।

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