दल्ली राजहरा (छत्तीसगढ़) : जिंदगी कूड़ा-करकट कबाड़ बीनने में नहीं, योगा व रोजगार प्रशिक्षण में बिताएंगे बच्चे। अब महिलाएं व बच्चे कचरा, कबाड़ बीनते नजर नहीं आएंगे। जिला मुख्यालय सहित सभी ब्लाॅक मुख्यालयों में सुबह, शाम यह देखने को मिलता है कि अशिक्षित और आर्थिक स्थिति कमजोर होने से महिलाएं अपनी जिंदगी कूड़ा, करकट, कबाड़, बिनने में ढूंढते हैं। जिससे उन्हें रोजगार यानि पैसा मिल सकें। जिससे जरूरतों को पूरा कर सकें। इस काम में बच्चे भी सहयोग करते हंै। इसलिए उनकी पढ़ाई भी प्रभावित होती है। बच्चे स्कूल ही नहीं पहुंच पाते।
सर्वे में यह बात भी सामने आ चुकी है कि पालक ही बच्चों को कबाड़ बिनने प्रोत्साहित करते हैं। ताकि जीविकोपार्जन बेहतर हो लेकिन ऐसा नहीं होता, जीविकोपार्जन को बेहतर बनाने के चक्कर में बच्चों का विकास नहीं हो पाता, कारण उचित शिक्षा नहीं मिल पाना। उन महिलाओं और बच्चों को प्रशिक्षण देकर रोजगार दिया जाएगा, जो सुबह-शाम कचरा, कबाड़ बिनने में समय व्यतीत करते हैं। यह अच्छी पहल जिला प्रशासन के माध्यम से होगा। कार्ययोजना तैयार हो चुकी है।
कलेक्टर राजेश सिंह राणा ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत बच्चों के कौशल विकास को ध्यान में रखकर बहु आकार विकास प्रशिक्षण योजना बनाई गई है। जिसमें दो माह में बच्चों को वैदिक गणित, स्पोकन इंग्लिश, हस्तकला, चित्रकला, आत्मरक्षा, खेल, योग, नृत्य, व्यक्तित्व विकास, सामान्य ज्ञान एवं कैरियर परामर्श से अवगत कराया जाएगा। बच्चों के लिए रोजाना दो घंटे की कार्यशाला रखी जाएगी।
सुबह बच्चों और दोपहर में महिलाओं को देंगे प्रशिक्षण
कचरा बीनने, कबाड़ एकत्रित करने वाले महिलाओं और बच्चों की जानकारी लेकर आगे की प्लानिंग तैयार की गई है। जिसके तहत ऐसे बच्चों को शिक्षा व कौशल से जोड़ने के लिए कौशल सह अध्ययन केंद्र खोला जाएगा। जहां सुबह के समय छोटे व स्कूल छोड़ चुके बच्चों के अध्ययन और दोपहर में महिलाओं एवं अन्य वर्ग के लिए कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
जवाहरपारा के केंद्र में महिलाएं ले रही प्रशिक्षण
प्रारंभिक रूप में जवाहरपारा में घरेलू कामगार महिलाओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए देवार भवन में स्वालंबन केंद्र की स्थापना की गई है। जहां महिलाएं प्रशिक्षण में शामिल होकर शिक्षित हो रही है। केंद्र में महिलाओं के रूझान को देखते हुए ही प्रशासन की ओर से बालोद, दल्लीराजहरा, डौंडीलोहारा, गुंडरदेही में सामुदायिक भवनों का उन्नयन कर कौशल सह अध्ययन केंद्र खोलने की योजना बनाई गई है।
कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों का व्यक्तित्व विकास
कार्यक्रम से बच्चों को लक्ष्य निर्धारित करना, महत्वपूर्ण कैरियर निर्णय की ताकत बढ़ाना, अपने कौशल की पहचान करना, कैरियर क्षेत्रों की पहचान, आत्म जागरूकता, समग्र विकास में सुधार, आत्म विश्वास को बढ़ावा देना, बुद्धि वृद्धि एकाग्रता में बढ़ोत्तरी, प्रतियोगिता की क्षमता में वृद्धि, विश्लेषणात्मक कौशल में सुधार, मानसिक शक्ति का विकास, स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना है।
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