उत्तर प्रदेश सरकार दी राज्य युवा नीति-2016 को मंजूरी, भर्ती करेगी 32 हजार बेरोजगार डिग्रीधारक

लखनऊ (यूपी) :  चुनाव से पहले अखिलेश सरकार ने पूरा फोकस युवाओं पर कर दिया है। सरकार ने युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग देकर रोजगार देने के लिए राज्य युवा नीति-2016 को मंजूरी दे दी है। यह युवा नीति केंद्र सरकार की राष्ट्रीय युवा नीति की तर्ज पर बनाई जा रही है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया जाएगा, जिसमें प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव नियोजन समेत सभी विभागों के प्रमुख सचिव और सचिव सदस्य होंगे। महानिदेशक युवा कल्याण सदस्य सचिव होंगे। भविष्य में बनने वाली योजनाओं में युवाओं को शामिल करने के लिए नियोजन विभाग में युवा प्रकोष्ठ भी गठित होगा। सरकारी विभागों द्वारा युवाओं के लिए बजट का प्राविधान भी कराया जाएगा। युवा नीति की हर पांच साल पर एक बार समीक्षा भी होगी। प्रदेश के 50 लाख युवाओं की उम्र 18-19 साल है। 01 करोड़ वोटर 30 साल की उम्र तक के हैं।

खेल कौशल विकास एवं रोजगार देने के उद्देश्य से राज्य सरकार 32 हजार खेल शिक्षक भर्ती करेगी। इसमें बेरोजगार बीपीएड डिग्रीधारकों को मौका मिलेगा। सीएम अखिलेश यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में ये फैसले किए गए। यूपी के अपर प्राइमरी स्कूलों में जल्दी ही 32 हजार खेल शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।

इन शिक्षकों को संविदा पर भर्ती किया जाएगा। इन्हें सात हजार रुपये प्रतिमाह का नियत मानदेय दिया जाएगा। शिक्षकों को सप्ताह में तीन दिन इंटरवेल के बाद स्कूलों में बच्चों की आयु के हिसाब से खेल कराने होंगे। इनके चयन और नियुक्ति के लिए डीएम की अध्यक्षता में कमिटी बनेगी। इसमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य सचिव होंगे, जबकि प्राचार्य जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान के अलावा जिला मुख्यालय पर राजकीय इंटर कॉलेज के सीनियर प्रधानाचार्य और जिला क्रीड़ा अधिकारी सदस्य होंगे। भर्ती की पूरी प्रक्रिया ऑन लाइन होगी।

अंशकालिक प्राइवेट टीचरों को विशेष मानदेय : अशासकीय, गैर सहायता प्राप्त निजी माध्यमिक विद्यालयों के करीब पौने दो लाख अंशकालिक प्राइवेट शिक्षकों को विशेष प्रोत्साहन मानदेय दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 2016-17 के बजट में 200 करोड़ रुपये दिए हैं। शिक्षकों को यह मानदेय संस्थाओं द्वारा दिए जा रहे भुगतान के अतिरिक्त होगा। यह मानदेय 2012 तक शामिल किए गए यूपी बोर्ड के मान्यता प्राप्त वित्तविहीन हाईस्कूल, इंटरमीडिएट स्कूलों के शिक्षकों को दिया जाएगा।

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