थोड़ा तकनीकी कौशल विकास खोल सकता है आपके लिए नौकरी के दरवाजे

कन्नौज : अब थोड़ा भी तकनीकी कौशल रखते हैं और कुछ सीखने की ललक है तो फिर केंद्र सरकार के कौशल विकास मिशन का हिस्सा बनिये। मिशन के तय दस मापदंड में से किसी एक में भी खरे उतरते हैं तो फिर आपके लिए आसानी से नौकरी के दरवाजे खुल जाएंगे। सिर्फ जरूरत पड़ेगी थोड़े दिनों के प्रशिक्षण की और संबंधित क्षेत्र से जुड़े तकनीकी पहलुओं के गुर सीखने की। इसके लिए सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) समेत देश भर के तकनीकी संस्थानों, कौशल विकास मिशन केंद्रों पर दस लेवल में प्रशिक्षण की व्यवस्था है। अब तक बड़ी संख्या में युवक रोजगार पा भी चुके हैं।

सुगंध नगरी कन्नौज में इत्र के करीब 300 कारखाने हैं। इनमें कुशल व अकुशल दोनों तरह के श्रमिक कार्यरत हैं। कमोबेश ऐसे ही हालात बड़े महानगरों में औद्योगिक संस्थानों व फैक्ट्रियों के हैं। केंद्र सरकार ने इनमें कार्यरत श्रमिकों को भी बीटेक, एमटेक, आईटीआई, पॉलीटेक्निक समेत अन्य तकनीकी प्रशिक्षण की तर्ज पर गुर सिखाकर डिप्लोमा व डिग्री कोर्स कराने की कार्ययोजना बनाई है। सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र के प्रधान निदेशक शक्ति विनय शुक्ला कहते हैं, डिप्लोमा व डिग्री कोर्स डिजाइन किए जा चुके हैं। राष्ट्रीय स्तर पर इसकी मान्यता भी मिल चुकी है। अधिकांश तकनीकी संस्थान भी इस दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं। ये युवाओं के लिए कारगर साबित होगा। इसके लिए नेशनल स्किल डेवलपमेंट एजेंसी (एनएसडीए) का भी गठन किया गया है।

कारखानों में काम के गुर

अकुशल श्रमिकों को कारखानों में कामकाज के गुर सिखाने के साथ ही तकनीकी तौर पर सक्षम बनाया जाएगा। एफएफडीसी देश भर में स्थित केंद्रों में प्लांट की बारीकियों और इत्र निर्माण के प्रबंधन की सीख देगा। ऐसे ही बाकी तकनीकी संस्थान भी लेवल तय करेंगे।

दस लेवल में प्रशिक्षण

प्रशिक्षण के लिए दस लेवल तय किए गए हैं। इसकी शुरुआत अकुशल श्रमिक, सुपरवाइजर, प्रबंधन करने वाले, कारखाने की मशीनों के रखरखाव, बीटेक, एमटेक समकक्ष प्रशिक्षण के साथ पीएचडी स्तर तक युवाओं को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे। इन प्रमाणपत्रों की मान्यता रेग्युलर कोर्स की तरीके होगी।

एमएसएमई सेंटरों पर सहूलियत

प्रधान निदेशक श्री शुक्ला ने बताया कि प्रशिक्षण की ये सहूलियत सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्योग (एमएसएमई) के देश भर में स्थित 18 सेंटरों में मिलेगी। इन तकनीकी सेंटरों पर सर्टिफिकेट कोर्स की फिलहाल स्वीकृति भी मिल चुकी है। तकनीकी जानकार लोग व इंटरमीडिएट पास छात्र इसका लाभ उठा सकेंगे।

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