दिल्ली यूनिवर्सिटी का नॉन कॉलेजिएट है छात्राओं के लिए बेहतर ऑप्शन, पढ़ाई के साथ-साथ मिलते है स्किल ट्रेनिंग और रोजगार के अवसर          

नई दिल्ली : दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉन कॉलेजिएट वुमेन एजुकेशन बोर्ड (एनसीडब्ल्यूईबी) की पहली दाखिला कट ऑफ 12 जुलाई को आनी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह छात्राओं के लिए बेस्ट ऑप्शन है। इसमें डीयू पढ़ाई के साथ-साथ छात्राओं को स्किल ट्रेनिंग और रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहा है। केवल रविवार को डीयू के 13 कॉलेज में बीए और बीकॉम की क्लासेज लगती हैं और पांच दिन छात्राओं को स्किल एजुकेशन दी जाती है। लेकिन यह मौका केवल दिल्ली एनसीआर की छात्राओं को ही मिलता है। बाहर के राज्यों से आने वाली छात्राओं के लिए नॉन कॉलेजिएट का ऑप्शन नहीं है।

इसमें केवल दो कोर्सेज की ही पढ़ाई होती है, बीए और बीकॉम। जिसमें कुल सीटों की संख्या 6100 से है। बीए में 3700 और बीकॉम में 2400 सीटें।

डीयू के डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर डा. गुरप्रीत सिंह टुटेजा ने बताया कि डीयू ने इस बार सेंट्रलाइज्ड फार्म में ही नॉन कॉलेजिएट का ऑप्शन भी दिया है, जिससे छात्राएं रेगुलर कॉलेज के साथ-साथ नॉन कॉलेजिएट में भी आवेदन कर सकें। इसके लिए अलग से कोई फार्म नहीं निकलेगा। लेकिन रेगुलर और नॉन कॉलेजिएट की दाखिला कट ऑफ अलग-अलग आएंगी। नॉन कॉलेजिएट की पहली दाखिला कट ऑफ 12 जुलाई को जारी होगी। इसमें नंबर आने पर छात्र 14 जुलाई तक दाखिला ले सकेंगे। दूसरी कट ऑफ 15 जुलाई को आएगी। नॉन कॉलेजिएट कुल 5 कट ऑफ लिस्ट जारी करेगा।

डा. टुटेजा बताते हैं कि डीयू ने नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (National Skill Development Corporation) के साथ 2014 में करार किया था। इसके तहत नॉन कॉलेजिएट की छात्राओं की वहां रेगुलर पांच दिन स्किल डेवलपमेंट की क्लासेज होती हैं। इन छात्राओं को वहां कई तरह के कोर्स ऑफर किए जाते हैं। मसलन हॉस्पिटल बिलिंग, हॉस्पिटल मैनेजमेंट, ऑफिस मैनेजमेंट, रिटेल मैनेजमेंट और ई-रिटेल आदि। रोजाना 4 घंटे की क्लासेज होती हैं, हर कोर्स 3 से 6 माह का होता है। इसका फायदा यह है कि नॉन कॉलेजिएट की छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ अच्छी जॉब के ऑफर मिल जाते हैं।

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