दिव्यांगों का बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में कौशल विकास करेंगे माइक्रोसॉफ्ट – स्टेट बैंक ऑफ इंडिया

मुंबई :  ग्लोबल टेक मेजर माइक्रोसॉफ्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया SBI के साथ मिलकर दिव्यांगों को बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस सेक्टर में जॉब दिलाने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए साझेदारी का सोमवार को ऐलान किया। इस साझेदारी के तहत पहले साल में 500 से अधिक दिव्यांग युवाओं का कौशल विकास किया जाएगा। एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि यह एक आदर्श पार्टनरशिप है। इसके तहत ऐसे दिव्यांग लोगों की तलाश की जाएगी और उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा, जो नौकरी के लायक है। माइक्रोसॉफ्ट के ग्लोबल सेल्स, मार्केटिंग और ऑपरेशन्स के प्रेसिडेंट जीन-फिलिप कोर्टोइस ने कहा कि भारत में करीब 2.6 करोड़ दिव्यांग लोग हैं और 21वीं सदी की इकोनॉमी में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नई तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जरूरी है।

Microsoft के सीईओ सत्या नडेला ने भारत के दिग्गज उद्योगपतियों से ज्यादा समावेशी तकनीकी क्षमता हासिल करने का आह्वान किया है। अपनी तीन दिन की भारत यात्रा के शुरुआत में माइक्रोसॉफ्ट के ‘फ्यूचर डिकोडेड सीईओ समिट’ को संबोधित करते हुए नडेला ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों के सीईओ को अपनी खुद की तकनीकी क्षमता विकसित करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये उपाय ज्यादा समावेशी हो। नडेला ने कहा कि भारत में सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के लिए 72 फीसद नौकरियां टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री से बाहर की हैं।

Refer SkillReporter (www.SkillReporter.com) for skill development and The Edupress (www.TheEduPress.com ) for education related important News, Tenders, RFP, Jobs, EOI, Events, Announcements, Circulars, Notices and other useful updates. Content also shared on Facebook Twitter Linkedin

उन्होंने कहा कि पिछले दशक में एग्रीगेटर्स का उभार देखने को मिला। उन्होंने कहा कि एग्रीगेटर्स अब अकेले सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा, ”हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि डिजिटल हस्तक्षेप से प्रोडक्टिविटी का विस्तार हो।”

Tata Consultancy Services (TCS) के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश गोपीनाथन ने इसी कार्यक्रम में कहा कि कंपनी टेक्नोलॉजी में बदलाव के लिए टीसीएस के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने को तरजीह देती है। उन्होंने कहा कि कंपनी की कोशिश यह सुनिश्चित करने की होती है कि अच्छे टैलेंट को कंपनी के साथ जोड़कर रखा जाए। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के पास बहुत अच्छी जानकारी होती है और वे जल्दी से चीजों को सीखने में सक्षम होते हैं लेकिन उन्हें इस बारे में प्रशिक्षित किए जाने की भी जरूरत होती है।

उन्होंने कहा कि आइटी वर्ल्ड में अब कई साल के प्रोजेक्ट का युग समाप्त हो गया है। TCS 2020 तक पूरी तरह ‘एजाइल टेक्नोलॉजी’ को अपनाने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सभी डेवलपर्स में करीब 59 फीसद अब एजाइल टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं।

Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.