कानपुर : देश भर में एमएसएमई (MSME) के 18 टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर हैं। इसी के हिस्से, सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) ने पिछले दिनों नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) की दिल्ली में हुई बैठक में एरोमा प्रोसेस असिस्टेंट के नाम से लेवल 4 का कोर्स प्रस्तुत किया जिसे स्वीकृति मिल गई।
इंटरमीडिएट पास छात्र इस कोर्स को कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त एफएफडीसी स्नातक छात्रों के लिए एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स की डिजायन तैयार कर रहा है। नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) से स्वीकृति के बाद यह छात्रों को पढ़ाया जाएगा।
एफएफडीसी के कानपुर विस्तार केंद्र के सहायक निदेशक भक्ति विजय शुक्ला ने बताया कि एरोमा और इसके प्रबंधन विषय पर एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स करने वाले छात्र छात्राओं को एरोमा से संबंधित उद्योगों में मैनेजर स्तर की नौकरी मिल सकेगी। कन्नौज के मुख्य केंद्र के लिए प्रस्तावित इस कोर्स में तकनीकी और सैद्धांतिक ज्ञान के साथ ही व्यवहारिक ज्ञान देने के लिए संबंधित उद्योगों में इंटर्नशिप कराई जाएगी।
सहायक निदेशक ने बताया कि देश में एरोमा (सुगंध) के साथ ही मेंथा ऑयल का क्षेत्र भी विकसित हुआ है और बीते कुछ सालों में इस क्षेत्र ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। मेंथा ऑयल का काम प्रदेश में रामपुर, बदायूं, चंदौसी, बरेली, बाराबंकी आदि में बड़े प्लांट लगा कर हो रहा है। इसे देखते हुए तकनीकी जानकारी प्रबंधकों की जरूरत भी होगी, जिसे यह पीजी डिप्लोमा कोर्स पूरा करेगा।
एनएसक्यूएफ विदेशों की तर्ज पर देश में चल रहे तकनीकी कोर्सो के लेवल का निर्धारण कर रहा है। किसी भी तकनीकी संस्थान को अब अपने यहां के कोर्स का लेवल निर्धारित कराना होगा। इस योजना को संचालित करने के लिए नेशनल स्किल डेवलपमेंट एजेंसी (एनएसडीए) का गठन किया गया है।
Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.