कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय का पहला क्षेत्रीय कार्यालय उत्तराखण्ड में

देहरादून : भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय का क्षेत्रीय कार्यालय उत्तराखण्ड में खोला जायेगा। यह पहला अवसर होगा जब मंत्रालय का क्षेत्रीय कार्यालय दिल्ली से बाहर देश के किसी राज्य में खोला जायेगा। यह जानकारी भारत सरकार के सचिव डाॅ.के.पी.कृष्णन ने बुधवार को सचिवालय में भारत सरकार, राज्य सरकार एवं टाटा ट्रस्ट के अधिकारियों की कौशल विकास पर आयोजित एक बैठक में दी। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने भारत सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार कौशल विकास मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय के लिए स्थान उपलब्ध करायेगी। इस क्षेत्रीय कार्यालय से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना सहित केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की सभी संबंधित योजनाओं को मजबूती से लागू करने में आसानी होगी।

इस बैठक में भारत सरकार के अधिकारियों के साथ ही टाटा ट्रस्ट के श्री एस.रामदुरई और स्वामी संतात्मा नंद जी, मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में टाटा ट्रस्ट, भारत सरकार और उत्तराखण्ड के अधिकारियों के बीच में युवाओं को रोजागार पर प्रशिक्षण देकर उनको रोजगार प्रदान करने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के विषय पर व्यापक विचार विमर्श हुआ।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में टाटा ट्रस्ट और उत्तराखण्ड सरकार के अधिकारियों का एक ज्वाइंट वर्किंग गु्रप बनाने के निर्देश दिए, जो कौशल विकास, रोजगार सृजन, बायोइकाॅनोमी, ईगर्वनेंस, पर्यटन आदि क्षेत्रों में राज्य के लिए एक रोड मैप तैयार करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास और प्रशिक्षण के लिए राज्य स्तर और जिले स्तर पर स्किल डेवलपमेंट प्लान बनाये जाए।

रोजगार परक प्रशिक्षण देने के लिए टाटा गु्रप की सहयोगी संस्था टाटा स्ट्राईव द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से कुमाऊ और गढ़वाल में दो आवासीय प्रशिक्षण केन्द्र खोले जायेंगे। गन्ने से कई उन्नत किस्म के बाॅयो उत्पाद बनाने के लिये डोईवाला चीनी मिल को पाॅयलेट प्रोजेक्ट के रूप में लिया जायेगा। इस प्रोजेक्ट को टाटा ट्रस्ट के द्वारा दिये जाने वाले तकनीकि सहयोग से संचालित किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय एप्रेन्टिस प्रमोशन योजना में अधिक से अधिक लोगों को लाभ देने के लिए जिलाधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाते हुए उनका लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए। इस योजना में एप्रेंटिस(प्रशिक्षु) को एप्रेंटिसशिप के रूप में प्राप्त होने वाली स्टाईपेंड का 25 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

बैठक में बताया गया कि उत्तराखण्ड में 146 आई.टी.आई. में 1352 इंस्ट्रक्टर्स/फोरमैन के पद है, जिनमें कुल तैनात 581 में 261 अप्रशिक्षित है। भारत सरकार द्वारा इन अप्रशिक्षित इंस्ट्रक्टर्स की क्षमता को बढाने के लिए तीन अथवा छः महीने का क्रैश कोर्स चलाया जा सकता है। प्रदेश की सभी आई.टी.आई. में 50 प्रतिशत से अधिक छात्र सिर्फ इलैक्ट्रिशियन या फिटर के कोर्सेस में रूचि लेते है। जबकि आॅटोमोबाइल और हाॅस्पिटेलिटी सेक्टर में स्कोप बढ़ रहा है।

डाॅ.कृष्णन द्वारा बताया गया कि उत्तराखण्ड के प्रत्येक आई.टी.आई. का अध्ययन कर उसकी क्षमता वृद्धि, लैब, उपकरण और भवन जैसी अवस्थापना सुविधाओं में विकास हेतु केन्द्र सरकार 100 करोड़ खर्च करेगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा शीघ्र प्रस्ताव उपलब्ध कराया जायेगा।

आईटीआई के लिए आई.आई.टी.रूडकी और पंतनगर विश्वविद्यालय में उपलब्ध संसाधनों से क्षमता वृद्धि कार्यक्रम चलाया जायेगा। टाटा, आईटीसी, इण्डिया ग्लाईकोल जैसी कई बड़ी कम्पनिया उत्तराखण्ड के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के साथ काम करने को इच्छुक है। 10 हजार लोगों के प्रशिक्षण के लिए भारत सरकार शत प्रतिशत खर्च उठा सकती है।

उत्तराखण्ड के योग प्रशिक्षितों को विदेशों में रोजगार मिले इसके लिए उन्हें विदेशी भाषाओं में प्रशिक्षित करने के लिए भी भारत सरकार के सहयोग से कार्यक्रम चलाए जायेंगे। टाटा ट्रस्ट द्वारा राज्य की कृषि, पर्यटन, ईगर्वनेंस आदि पर एक प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। उनके द्वारा बताया गया कि राज्य में गन्ने से कई “हाई वैल्यू माॅलिक्यूल’’ तैयार किये जा सकते है, जिनसे गन्ना कृषकों की आमदनी में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि आने वाला समय बाॅयोइकोनामी का है।

उन्होंने 2022 तक उत्तराखण्ड में आने वाले पर्यटकों की संख्या दोगुनी करने, विद्यालयों और काॅलेजों साईबर सिक्यूरिटी की शिक्षा देने आदि पर भी प्रस्तुतीकरण दिया। अपर मुख्य सचिव श्री रणवीर सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों को निर्धारित करते समय मांग का आंकलन भी किया जाना चाहिए, जिससे सभी प्रशिक्षित लोगों को रोजगार मिले।

अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने स्वास्थ्य क्षेत्र में आवश्यक कौशल(स्किल) हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल दिया। टाटा ट्रस्ट द्वारा राज्य में टेलीमेडिसिन और कैंसर संस्थानों को स्थापित करने के विषय में रूचि दिखाई गई। प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्धन ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों के सर्टिफिकेट अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य होने चाहिए, जिससे प्रशिक्षित व्यक्ति की मांग बढ़ें।

बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने टाटा ग्रुप द्वारा कौशल विकास के क्षेत्र में विकसित आधुनिक तकनीक का प्रदर्शन करने वाले सिमुलेटर्स का अवलोकन भी किया।

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