केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के आदेश पर कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम बंद, धूल फांक रही है मशीनें

भागलपुर (बिहार) : कौशल विकास को बढ़ावा देकर लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के दावे भले ही केंद्र सरकार कर रही हो, लेकिन यहां सारी व्यवस्था फेल हो गई है। केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय द्वारा नाथनगर में संचालित पावरलूम सर्विस सेंटर में सिलाई व बुनाई का प्रशिक्षण चार माह से बंद है। मंत्रालय के आदेश पर कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम बंद करने से नई तकनीक का गुर नहीं सीख पा रहे हैं। प्रशिक्षण मद में मिलने वाले आवंटन को भी मंत्रालय ने बंद कर दिया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम बंद होने की वजह से मशीनें धूल फांक रही है।

प्रशिक्षण के लिए शटल लेस व डॉभी लेस पावरलूम पर कपड़ा बुनाई का प्रशिक्षण दिया जाता था। आधुनिक तकनीक से डिजाइन तैयार करने की तकनीकी सीखने की भी सुविधा है। यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद बुनकर को काफी फायदा मिलता था। इस प्रशिक्षण से बुनकरों को कई तरह से फायदे थे। एक तो उन्हें वस्त्र मंत्रालय की ओर से प्रमाण पत्र और दूसरा प्रशिक्षण के बदले उन्हें छात्रवृति भी दी जाती थी। प्रति बैच 20 लोगों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था थी। अब तक 680 लोग प्रशिक्षण का लाभ उठा चुके हैं।

प्रशिक्षण प्रभावित होने से महिलाओं में निराशा का माहौल है। रेडिमेड गारमेंट्स तैयार करने का प्रशिक्षण देकर महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना था। पावरलूम सर्विस सेंटर में 20 के प्रति बैच में प्रशिक्षण की व्यवस्था थी। अब तक 18 बैच में 360 महिलाओं से प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रति प्रशिक्षणार्थियों को 2500 रुपये छात्रवृति देने की व्यवस्था थी। मंत्रालय के प्रमाण पत्र के माध्यम से बैंक से ऋण लेना आसान भी होता था। स्वरोजगार की दिशा में महिलाओं के लिए सशक्त साधन रहा। सेंटर में 13 आधुनिक मशीन पर दक्ष शिक्षकों से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे। घरों में गारमेंट्स तैयार कर महिलाएं आगे बढ़ रही थी। सेंटर पर कई महिलाएं आती है और निराश होकर लौटना पड़ता है।

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