बिहार के विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के मंत्री जय कुमार सिंह ने बताया है कि राज्य के पॉलिटेक्निक संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए 2016-17 से नया पाठ्यक्रम लागू किया गया है। मूल्यांकन प्रक्रिया में सतत मूल्यांकन को शामिल किया गया है।
सभी राजकीय व निजी संस्थानों में लागू
मंत्री जय कुमार ने यह जानकारी बुधवार विभाग में आयोजित पत्रकारवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि राज्य प्रावैधिकी शिक्षा पर्षद बिहार द्वारा बनाया गया यह पाठ्यक्रम राजकीय और निजी संस्थानों में लागू किया गया है। सतत मूल्यांकन में अर्द्धवार्षिक परीक्षा (मिड सेमेस्टर) तथा साप्ताहिक प्रश्नोत्तरी (वीकली क्विज) पर वेटेज दिया जाएगा। छात्रों के कम्युनिकेशन कौशल को बढ़ाने के लिए सभी कॉलेजों में लैंग्वेज लैब बनाए गए हैं।
250 घंटे की कौशल विकास प्रशिक्षण योजना
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा पर्षद (एआईसीटीई) ने राज्य के सभी राजकीय पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ ही छह निजी तकनीकी संस्थानों में 250 घंटे के कौशल विकास प्रशिक्षण योजना को स्वीकृति दी है। राजकीय कॉलेजों में 1050 तथा निजी संस्थानों में 700 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का काम सितंबर-अक्टूबर से शुरू होगा। विभाग ने इसके लिए 15 पाठ्यक्रम बनाए हैं।
छह इंजीनियिरंग कॉलेजों के लिए स्वीकृति
सात निश्चय के तहत वर्ष 2016-17 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए छह नए इंजीनियरिंग कॉलेजों के निर्माण के लिए 438.78 करोड़ की योजना को स्वीकृति दी है। भवन निर्माण विभाग द्वारा निर्माण कार्य कराया जाना है। इस मौके पर विभाग के निदेशक अतुल कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।
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