बधिर स्टूडेंट्स को जाॅब दिलाने में कौशल विकास को खास तरजीह दी जाए: निशीथ राय

लखनऊ : बधिर स्टूडेंट्स की पढ़ाई-लिखाई में सांकेतिक भाषा बेहद उपयोगी है। इसके जरिये देश के लगभग 60 लाख बधिरों को रोजगार लायक बनाया जा सकता है। जरूरत इस बात की है कि बधिर स्टूडेंट्स को जाॅब्स के लिये तैयार करने में कौशल विकास को खास तरज़ीह दी जाए। इनके लिये शिक्षा के साथ साॅफ्ट स्किल्स के लिये माॅड्यूल्स तैयार किये जाए। ये बात शकुंतला मिश्रा यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. निशीथ राय ने बधिर विद्यार्थियों के लिये आयोजित करवाए गए कार्यक्रम ‘नई भाषा, एक आवाज़’ में कही। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के भारतीय सांकेतिक भाषा, और बधिर अध्ययन केन्द्र और पत्रिका उत्तरप्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।

प्रो. राय ने कहा कि बधिरों को मुख्यधारा में जोड़कर उनका देश एवं सूबे के विकास में योगदान बढ़ाया जा सकता हैं। हमारी लगातार कोशिश दिव्यांगों के सशक्तिकरण के प्रयासों को सुदृढ़ करने की है। वहीं इस अवसर पर बोलते हुए प्रो. आरआर सिंह, डीन विशेष शिक्षा ने बताया कि बातचीत में सिर्फ 10 फीसदी ही शब्दों का प्रयोग किया जाता है। कार्यक्रम मेेें कुलपति प्रो. राय ने सांकेतिक भाषा में बधिरों से बात की। इसके अलावा उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं।

इस दौरान राष्ट्रगान को भी सांकेतिक भाषा में गाया गया। बधिर विद्यार्थियों ने सांकेतिक भाषा में साल के 12 महीनों के बारे में बताया। इस अवसर पर डीन एकेडमिक्स प्रो. एपी तिवारी, कुलपति की स्टाफ ऑफिसर बिन्दू त्रिपाठी एवं भारी संख्या में बधिर छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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