शिमला को भारत की कौशल राजधानी बनवाने का करेंगे प्रयास : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह

शिमला : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिमला में कौशल विकास निगम (skill development corporation) के निदेशक मंडल की दूसरी बैठक में  निगम के तहत निर्धारित विषयों के अलावा चालक, मोटर मेकेनिक, आशुटंकक, इलैक्ट्रीशियन, फिटर जैसे अन्य विषय पाठ्यक्रमों को शामिल करने के निर्देश दिए। सीएम ने प्रदेश के 16 कॉलेजों में बैचलर ऑफ वोकेशनल कोर्स (B.Voc.) शुरू करने के भी निर्देश जारी किए। ये कोर्स पर्यटन और रिटेल में करवाया जाएगा। वीरभद्र सिंह ने कहा कि निगम को अब अपनी कार्यशैली की प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए, जिससे निगम के बारे में लोगों को पता चले।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश को भारत की कौशल राजधानी बनाने के प्रयास किए जाएंगे। कौशल विकास निगम की 65,000 युवाओं को प्रशिक्षित करने और उन्हें रोजगारोन्मुख बनाने के अलावा 51 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को स्तरोन्नत करने की परिकल्पना है।

बैठक में खुदरा और आतिथ्य क्षेत्रों के दो पायलट क्षेत्रों में व्यावसायिक कार्यक्रम में स्नातक के 16 महाविद्यालयों को अल्प सूची में डाला गया। कांगड़ा जिले के रैहन में महिला पॉलीटेक्निक के लिए स्थल के चयन को अंतिम रूप दिया गया।

युवाओं की सुविधा के लिए 25 बहुउद्देशीय विपणन एवं प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना करने को भी मंजूरी प्रदान की गई। 52000 युवाओं के कौशल उन्नयन का भी निर्णय लिया गया। बैठक में शिमला में कौशल उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने और युवाओं को गुणात्मक कौशल प्रशिक्षण एवं व्यावसायिक ज्ञान प्रदान करने के लिए 18 औद्योगिक इकाइयों के साथ समझौता ज्ञापन करने पर भी सहमति बनी।

परिवहन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री जीएस बाली ने युवाओं को विभिन्न उद्योगों में 6-6 माह प्रशिक्षण देने की सलाह दी। कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक राजेश शर्मा ने अब तक पूरी की गई गतिविधियों और परिणामों पर विस्तृत प्रस्तुति दी। इस अवसर पर कौशल विकास निगम के निदेशक मंडल के सदस्य विक्रमादित्य सिंह, मुख्य सचिव पी. मित्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी, पीसी धीमान, आरडी धीमान, संजीव गुप्ता, विशेष सचिव वित्त अक्षय सूद और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

Note: News shared for public awareness with reference to the information provided at online news portals.