हिमाचल प्रदेश के जेल होंगे अब सुधार गृह, कैदियों को किया जाएगा कौशल प्रशिक्षण प्रदान

शिमला : प्रदेश में जेलों में बंद कैदी अब अकुशलता की बेड़ियां तोड़ेंगे। वर्ष 2017 युवाओं के साथ ही उनके लिए भी नई उम्मीदें लेकर आ रहा है। युवाओं को अब उनके कौशल के आधार पर रोजगार मिलने की उम्मीद है। एशियन विकास बैंक के माध्यम से प्रदेश में कौशल विकास योजना के लिए 600 करोड़ रुपये व्यय कर परंपरागत शिक्षा के स्थान पर तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे युवा अपने पांव पर खड़े हो सके और बेरोजगारों की फौज कम हो सके। उधर, जेलों में सुधार होगा जिसके लिए करोड़ों रुपये का प्रावधान किया गया है। अब जेलों को सुधार गृह नाम दिया जाएगा।

देश को आजाद हुए 70 वर्ष होने जा रहे हैं, लेकिन जनसंख्या नियोजन के आधार पर देखा जाए तो स्थिति यह कि युवाओं को उनके कौशल के अनुसार रोजगार नहीं मिल रहा है। इसका परिणाम निराशा के तौर पर युवा अपराध की तरफ बढ़ रहे हैं। प्रदेश के जेल यानी कारागार मेन्युवल में संशोधन इसी वर्ष हो रहा है वर्तमान में लागू हिमाचल प्रदेश के अपने जेल मेन्युवल 2000 में कई खामियां हैं जो सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत सामने आई हैं। जेलों के नामों को बदलने के साथ जेलों की प्रक्रिया और कार्यप्रणाली में भी बदलाव होगा। सभी जेलों को ओपन एयर जेल बनाया जाएगा और वहां पर रखे जाने वाले कैदियों को विभिन्न तरह का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे वह जेल से रिहा होने के बाद समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर नया जीवन जी सकें। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और संरक्षा के लिए संचालित होने वाली योजनाओं को पहुंचाने के लिए वहां के युवाओं को इसी क्षेत्र में रोजगार देने की योजना है। उद्योगों और सड़कों के जाल बिछने से प्रदेश में विकास को पंख लगने की उम्मीद है। इसका लाभ युवा पीढ़ी को मिलने वाला है।

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