स्कूलों में शुरू किए व्यवसायिक कोर्स का फायदा इस बार भी नहीं मिला स्टूडेंट्स को, हिमाचल प्रदेश के कॉलेजों में ‘वोकेशनल संकाय (Vocational Course) ’ नहीं हुआ शुरू

हमीरपुर : कॉलेजों में एडमिशन का दौर शुरू हो गया मगर स्कूलों में शुरू किए व्यवसायिक कोर्स का फायदा कॉलेज स्तर पर पात्र स्टूडेंट्स को इस बार भी नहीं मिला है। प्रदेश सरकार ने इन सबजेक्ट को स्कूल स्तर पर शुरू करके वायदा किया था। इनको वोकेशनल संकाय (vocational course) के रूप में कॉलेजों में शुरू किया जाएगा, ताकि युवा पीढ़ी साधारण पढ़ाई के साथ तकनीकी पढ़ाई (technical education) में भी साथ निपुण हो और रोजगार की तलाश में उसे भटकना न पड़े, मगर 12वीं कक्षा तक दो साल की यह व्यवसायिक शिक्षा लेने वालों की बात तो छोड़ो यहां तो 9वीं वालों को भी चार साल बाद इसका फायदा कॉलेज स्तर पर नहीं मिला। जिससे हजारों स्टूडेंट्स निराश हो गए हैं।

दूसरे सबजेक्ट चुनना मजबूरी : इन प्रशिक्षुओं को ( स्टूडेंट्स को ) अब कॉलेज स्तर पर जाकर वोकेशनल सबजेक्ट की बजाए दूसरे सबजेक्ट चुनने को मजबूर हो पड़ रहा है। जबकि सराकर ने पिछले साल नए सत्र से वोकेशनल संकाय शुरू करने का दावा किया था। करीब दो माह पहले इसके लिए प्रदेश में कई कॉलेजों को चयन भी कर लिया था। बाद में सभी व्यवसायिक सबजेक्ट की बजाए दो सबजेक्ट की पढ़ाई शुरू करवाने की सहमति बनी, लेकिन एडमिशन का टाइम आया तो इन दोनों सबजेक्ट की एडमिशन के निर्देश भी शिक्षा विभाग कॉलेज प्रबंधन जारी नहीं पाया। जिस वजह से 21 से 30 जून तक चलने वाली एडमिशन प्रक्रिया में वोकेशनल संकाय फिर से पीछे रह गया है और छात्रों को परेशानी हो रही है।

विभाग से नहीं मिले है आदेश : वोकेशनल संकाय शुरू करने का फैसला तो हुआ था। इसे शुरू करने के आदेश विभाग से इस बार भी नहीं आए हैं। जिस बजह से एडमिशन तो हो रही, मगर इनमें सबजेक्ट में नहीं, शिमला में दो बार इस बारे हुई बैठक में गया था, लेकिन वहां भी कुछ अड़चनों को दूर करके यह व्यवस्था करवाने की बात कही थी। डॉ.एचएस जंबाल, प्रिंसिपल पीजी कॉलेज हमीरपुर ने कहा कि आदेश आएंगे तो एडमिशन करवा देंगे।

500 स्कूलों में सुविधा : इस समय प्रदेश के करीब 500 स्कूलों में करीब आठ तरह के व्यवसायिक कोर्स करवाए जा रहे है। हरेक स्कूल में एक सबजेक्ट में करीब हर साल 35 एडमिशन हो रही है। स्कूलों में लैब, वर्कशाप भवन अलग से बन गए हैं। कई में बन रहे हैं। का बिलेगौर है कि ऑटोमोबाइल, रिटेल, आईटीईएस, सिक्योरिटी, हेल्थ केयर, टूरिज्म, टेलीकॉम सबजेक्ट में हजारों स्टूडेंट्स को ट्रेंड किया जा रहा। इनको इन्हीं सबजेक्ट में मास्टर डिग्री देने को कॉलेज स्तर पर वोकेशनल संकाय शुरू का फैसला हुआ था, मगर यह लागू नहीं हो सका।

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