राज्य के सभी जिलों में खुलेगा एसआईएसए का कार्यालय, कौशल विकास कार्यक्रम में करेगा सहयोग

बिहार : राज्य के सभी जिलों में स्टेट इंप्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी (एसआईएसए) का कार्यालय खुलेगा। कौशल विकास केंद्रों पर सॉफ्टवेयर सहित किसी समस्या को दूर करने में एसआईएसए मदद करेगा। यह कौशल विकास कार्यक्रम की मॉनिटरिंग भी करेगा।

15 नवंबर से प्रखंडों में कौशल विकास केंद्र काम करने लगेगा। एक प्रखंड में तीन से चार कौशल विकास केंद्र होंगे। बड़े प्रखंडों में अधिक भी केंद्र होंगे। प्रशिक्षण केंद्र का अधिकारी पहले जांच करेंगे, कंप्यूटर सहित सभी सूचना सही पाए जाने पर ही केंद्र चलाने की अनुमति मिलेगी। प्रशिक्षणार्थियों की अधिक संख्या के आधार केंद्र चलाने वाले क्लास रूम बढ़ा कर अधिक छात्रों को प्रशिक्षण दे सकेंगे। कौशल विकास केंद्र संचालन के लिए श्रम संसाधन विभाग ने तैयारी लगभग पूरी कर ली है।

पिछले दिनों कौशल विकास केंद्र संचालन के लिए आवेदन करने वाले संस्थान के कर्मियों को एसकेएम में प्रशिक्षण भी दिया गया था। इसमें बताया गया था कि कैसे काम करना है। कौशल विकास केंद्र पर किसी प्रकार का फर्जीवाड़ा रोकने की पूरी व्यवस्था है। प्रशिक्षण के लिए कितने छात्रों को नामांकन किया गया है, इसकी पूरी जानकारी रहेगी। बायोमैट्रिक हाजिरी की भी व्यवस्था होगी। कोई दूसरा लॉगिंग नहीं कर सकेंगे। प्रशिक्षण देने वालों को भी मूल्यांकन किया जाएगा।

राेजगार में होगी आसानी, वेतन भी अधिक मिलेगा

कौशल विकास केंद्र संचालकों को राशि का भुगतान तब होगा, जब प्रशिक्षणार्थी सामान्य टेस्ट में पास होंगे। कौशल विकास केंद्रों पर युवाओं को बेसिक कम्प्यूटर के साथ ही अंग्रेजी और हिंदी कम्युनिकेशन की जानकारी मिलेगी। युवा प्रशिक्षित होंगे तो रोजगार पाने में ही आसानी नहीं होगी, बल्कि वेतन भी अधिक मिलेगा। 20 से 25 वर्ष तक के युवाओं को रोजगार पाने में मदद करने के लिए दो वर्ष तक एक-एक हजार रुपए दिए जाएंगे। ऐसे युवाओं के लिए कौशल विकास केंद्रों पर प्रशिक्षण लेना आवश्यक है। युवाओं को 240 घंटे का प्रशिक्षण मिलेगा।

15 नवंबर से शुरू होगा प्रशिक्षण

कौशल विकास केंद्रों पर प्रशिक्षण का पूरा कार्यक्रम पारदर्शी होगा। इसमें किसी प्रकार का फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगी। 15 नवंबर से प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। सभी जिलों में स्टेट इम्प्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी का कार्यालय रहेगा, ताकि प्रशिक्षण केंद्रों पर किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। -दीपककुमार सिंह, प्रधान सचिव, श्रम संसाधन विभाग

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