पंजाब यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड इंटरप्रिन्योरशिप (सीएसडीई) में हुआ ‘स्टार्ट अप मेंटरशिप एंड इंडस्ट्री इंस्टीट्यूट इंट्रैक्शन’ पर पैनल डिस्कशन

चंडीगढ़ : स्किल के लिए अकेडमिक्स और टीचर्स-स्टूडेंट्स दोनों ही एटीट्यूड में हलके बदलाव की जरूरत है। इसके साथ ही जरूरी है कि इंक्युबेशन सेंटर के लिए ‘कॉरपस फंड’ इंस्टीट्यूट्स के पास हो ताकि वह इंडस्ट्री को इन्फ्रास्ट्रक्चर दे सकें। इसी तरीके से विदेश में यूनिवर्सिटीज एजुकेशनल इंस्टीट्यूट इंक्युबेशन सेंटर्स से कमाई कर रहे हैं। ये कहना था यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम के प्रो. हरदेव सिंह का। वह पंजाब यूनिवर्सिटी में ‘स्टार्ट अप मेंटरशिप एंड इंडस्ट्री इंस्टीट्यूट इंट्रैक्शन’ पर सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड इंटरप्रिन्योरशिप (सीएसडीई) मे हो रही पैनल डिस्कशन को संबोधित कर रहे थे। डिस्कशन में चीमा बॉयलर्स के एमडी हरजिंदर सिंह चीमा, टीसीवाईऑनलइन के सीईटो कमल वढ़ेरा, पैनिकिया बायोटेक के डॉ. सुधीर कुमार, यूके में सलाहकार हरजिंदर गर्ग और रविंदर एस झंठू, सीएसडीई के ऑनरेरी डायरेक्टर डॉ. हरीश कुमार और पूर्व डीएसडब्ल्यू प्रो. नवदीप गोयल शामिल हुए। डिस्कशन के दौरान इंक्युबेशन सेंटर को स्थापित करने की जरूरतों और इसकी सफलता को लेकर बात हुई।

मामूली रेट पर हर सामान

एक्सपर्ट्स ने ‘लेनमी.इन’ शुरू करने वाले पीयू स्टूडेंट्स से मुलाकात की। ये वो स्टूडेंट्स है जो मामूली किराए पर ऑनलाइन व्यक्ति की हर जरूरत का सामान उपलब्ध कराते हैं। फिलहाल उनकी सर्विस चंडीगढ़ के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में है। उन्होंने एक्सपर्ट्स के सामने अपना आइडिया रखा। इसके बाद यूआईईटी के ही स्टूडेंट्स के ऑनलाइन ‘सहायता स्टोर’ की शुरूआत हुई। अनिरुद्ध, आकाश उपाध्याय, पंकज गर्ग, आशुतोष उपाध्याय और प्रशांत ने इसको शुरू किया है। इस स्टोर पर आप अपनी कोई भी बेकार चीज दे सकते हैं।

बेराजगार करेंगे सस्ते में ठीक

इन चीजों को ठीक करने के बाद बेरोजगार को दिया जाएगा जो इसको ठीक करके मामूली रेट पर उस तबके को बेचेगा जिसको इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। एक व्यक्ति को रोजगार मिलेगा और दूसरे को मामूली रेट पर वह चीज मिल सकेगी जो उसकी पहुंच से बाहर है। यह समाज के सबसे निचले तबके लिए रहेगा। फिलहाल स्टोर ने कपड़ों, टैबलेट, किताबों इलेक्ट्रॉनिक्स के 80 सामान को जरूरतमंदों के हाथ तक पहुंचाया है।

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