जशपुर (छत्तीसगढ़) : दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने, उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार उनका कौशल विकास करने के उद्देश्य से जिले में 100 सीटर का दिव्यांग संसाधन केंद्र बनाया जाएगा। यह केंद्र देहरादून के राफेल और एनआईवीएच की तर्ज पर खोला जाएगा। सेंटर में रहने वाले दृष्टिबाधित बच्चों को ब्रेल लिपि से सीबीएसई और सीजी बोर्ड की पढ़ाई कराकर उन्हें शिक्षित किया जाएगा।
दिव्यांग संसाधन केंद्र पूरी तरह आवासीय रहेगा। इस सेंटर के खुलने से जिले के दिव्यांगों को अपनी प्रतिभा को निखारने और उसे एक लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए एक दिशा मिल जाएगी। सेंटर खोलने की प्रक्रिया शुरु हाे चुकी है। 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में 2.68 करोड़ विकलांग हैं। जो देश की कुल जनसंख्या के 2.21 प्रतिशत हैं। जिले में दिव्यांगों की संख्या 12 हजार 134 है। पर इतनी बड़ी आबादी को सिर्फ इसलिए अवसर नहीं मिल सकता है क्योंकि वे प्रशिक्षित या फिर रोजगार के लिए फिट नहीं हैं। इन्हे समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और अच्छी तरह शिक्षित करने के लिए प्रशासन प्रयास कर रहा है। इसके लिए दिव्यांग संसाधन केंद्र खोलने की पहल की गई है।
दिव्यांगों के भीतर रोजगार को लेकर भरपूर संभावनाएं हैं। इन्हीं संभावनाओं को पहचानने और उसे तराशने की कोशिश इस केंद्र में की जाएगी। कई दिव्यांग ग्रामीण इलाकों से आते हैं और कम पढ़े-लिखे होते हैं। अलग-अलग तरह के दिव्यांगों को नजर में रखते हुए केंद्र में ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किया जाएगा। साथ ही उसके अनुसार दिव्यांगों को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जाएगी।
दिव्यांग संसाधन के लिए जशपुर से करीब 4 किमी दूर लुईकोना में 2 एकड़ जमीन का चिह्नांकन किया है। जहां यह आवासीय सेंटर बनाया जाएगा। हालांकि अभी इसके लिए प्राक्कलन तैयार नहीं किया गया है। पर जल्द ही इसके लिए प्राक्कलन तैयार कर उसे मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। अधिकारियों की मानें, तो इसमें अभी डेढ़ से दो माह का समय लग सकता है।
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