देश में 10 लाख प्लास्टिक इंजीनियरों व तकनीशियनों की आवश्यकता, खुलेंगे नए सीपेट संस्थान

सोनीपत : मुरथल स्थित सीपेट संस्थान में 31.64 करोड़ की लागत से बने दो हॉस्टलों का उद्घाटन केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री अनंत कुमार व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री के सामने सीएम ने जिन मांगों को रखा, उनको पूरा कर दिया गया। मंत्री अनंत कुमार ने घोषणा करते हुए कहा कि हरियाणा में दो नए सीपेट (सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) संस्थान बनाए जाएंगे। वहीं, पानीपत में 1500 करोड़ रुपये की लागत से 75 एकड़ क्षेत्र में प्लास्टिक पार्क स्थापित किया जाएगा तो करनाल में 100 एकड़ क्षेत्र में फार्मा पार्क स्थापित किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि प्रदेश में जिन दो नए सीपेट संस्थान को बनाया जाएगा उनमें से एक दक्षिण हरियाणा में बनाया जाएगा और दूसरा पश्चिम हरियाणा में बनेगा। इसके अलावा मुरथल के इस सीपेट संस्थान का भी विस्तार किया जाएगा और यहां पर वोकेशनल, डिप्लोमा कोर्सों के अलावा बीटेक व एमटेक की कक्षाएं भी शुरू की जाएंगी। इसके लिए सीएम मनोहरलाल ने 10 एकड़ जमीन देने घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों में जो डिग्री बच्चों को दी जाएगी, उससे भारत के साथ ही विदेशों में भी प्रदेश का नाम रोशन होगा।

देश में 10 लाख इंजीनियरों की आवश्यकता

मंत्री अनंत कुमार कहा कि हमने मेन पावर पर एक सर्वे करवाया है। इसके तहत देश में 10 लाख प्लास्टिक इंजीनियरों व तकनीशियनों की आवश्यकता है, लेकिन हमारे पास मुश्किल से दो लाख उपलब्ध हैं। आज खेत में पीवीसी पाइपों से लेकर, आटोमोबाइल, फूड प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और यहां तक की अंतरिक्ष में मंगलयान व रक्षा क्षेत्र में भी प्लास्टिक की भारी मांग है। इस क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर बनें, इसके लिए देशभर में इस तरह के सीपेट केंद्र खोले जाएंगे।

भविष्य में आईटी नहीं, बल्कि पीटी के क्षेत्र में होंगे मशहूर     

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज जिस तरह से भारत का नाम आईटी के क्षेत्र में है, उसी तरह भविष्य में पीटी (प्लास्टिक टेक्नालोजी) के क्षेत्र में भी हम मशहूर होंगे। इस कार्य में मुरथल सीपेट सहित देश के यह सभी संस्थान मुख्य भूमिका निभाएंगे। उन्होंने प्रदेश सरकार की सक्षम युवा योजना को सीपेट केंद्रों से जोड़ने की दिशा में केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार के मध्य एक एमओयू करने के आदेश अपने मंत्रालय के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि पानीपत में स्थापित किए जाने वाले प्लास्टिक पार्क में 30 हजार प्लास्टिक इंजीनियरों व तकनीशियनों को रोजगार मिलेगा। करनाल में सौ एकड़ में बनाए जाने वाले फार्मा पार्क का उद्देश्य भी देश को दवा निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि आज देश में दो लाख करोड़ दवा बनती है और इसमें से एक लाख करोड़ दवा दूसरे देशों में निर्यात की जाती है। इनमें से अधिकतर हिमाचल प्रदेश के बद्दी में बनती है। करनाल में बनने वाले फार्मा पार्क का उद्देश्य देश को दवा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।

युवाओं को रोजगार देने के लिए कौशल विकास अनिवार्य : सीएम

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भारत में  कुल आबादी का 65 प्रतिशत युवा वर्ग है, जिनकी आयु 35 वर्ष तक है। युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने की दिशा में उनका कौशल विकास अनिवार्य है। इसी दिशा में प्रदेश में हरियाणा कौशल विकास मिशन बनाया गया है। इसके साथ ही पलवल में विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है। हरियाणा कौशल विकास मिशन द्वारा वर्ष 2016-17 में 69 हजार युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया गया है और वर्ष 2017-18 के दौरान एक लाख 33 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की उदार नीतियों के परिणाम स्वरूप हरियाणा ईज आफ डूइंग बिजनेस में 15वें से छठे स्थान पर आ गया है और उत्तर भारत में प्रथम स्थान पर है। पिछले दो साल में 13 हजार नए उद्योग लगे हैं और एक लाख 70 हजार लोगों को रोजगार मिला है।

कैबिनेट मंत्री कविता जैन ने कहा कि आज भारत प्राकृतिक संसाधनों में ही नहीं, बल्कि मानव संसाधन में भी दुनिया में अव्वल है। योजनाओं के माध्यम से युवाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर कर आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा हैं। वहां सांसद रमेश कौशिक ने भी संबोधित किया। इस दौरान हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन रामचंद्र जांगड़ा, हरियाणा एससी आयोग की चेयरमैन  सुनीता दुग्गल, रसायन मंत्रालय की संयुक्त सचिव अपर्णा शर्मा, मुरथल यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. टंकेश्वर कुमार, सीपेट के निदेशक आलोक साहू आदि मौजूद रहे।

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