महम : टाउन पार्क के पास किसान हवेली में लॉजिस्टिक्स स्किल गुरुकुल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। नाबार्ड के सहयोग से आदर्श ग्राम योजना के तहत चलाया जा रहा यहां युवाओं काे कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाना था। पर तीन महीने बीत जाने के बाद भी यहां प्रशिक्षण के लिए किसी युवा ने आवेदन तक नहीं किया है।
हालांकि दो साल में यहां छह बैच में 150 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। लेकिन इन युवाओं में से महज 30 युवाओं को ही कम सैलरी में प्राइवेट कंपनी में नौकरी मिली है। वो भी दूसरे प्रदेशों में। अब क्षेत्र के युवाओं ने इस बारे में प्रदेश सरकार के पास अपनी शिकायत भेजी है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल -प्रभु ने चढ़ाया था सिरे
मुख्यमंत्री मनोहर लाल तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभू ने इसी साल अप्रैल में गुरुकुल के अंदर कौशल विकास की इन योजनाओं को मंजूरी देते हुए यहां कौशल विकास का सपना देखा था। उन उम्मीदों पर गुरुकुल खरा नहीं उतर पा रहा। गति विभाग के ट्रेनर विकास ने बताया कि तीन महीने से कोई छात्र यहां नहीं आया।
एनजीओ का दावा-छह प्रकार के कौशल में कर रहे हैं दक्ष
गुरुकुल चला रहे एनजीओ के पदाधिकारियों का कहना है कि वे युवाओं को 6 प्रकार के कौशल सिखाकर हुनरमंद बना रहे हैं जबकि कई छात्रों का आरोप है कि यहां दाखिला लेने के बाद नाममात्र की पढाई कराई जाती है। केवल डिप्लोमा ही दिया जा रहा है। सरकार से मिलने वाली ग्रांट के अनुसार सुविधाएं भी नहीं दी जा रही। वहीं एनजीओ ने इस आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि संस्थान में छात्र ही नहीं रहे हैं।
जांच के दौरान मिली खामियां
भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शमशेर खरकडा नगर पालिका प्रधान फतेहसिंह ने इस बारे में शिकायतें मिलने के बाद शनिवार को गुरुकुल का निरीक्षण किया तो वहां कोई भीछात्र नहीं मिला। अन्य मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिली। खुद प्रिंसीपल कैंपस से नदारद थे। केवल दो सदस्य कर्मी मौजूद थे। खरकड़ा ने कहा यदि आगामी दिनों यहां के बच्चों का रिजल्ट सही नहीं पाया गया तो वे मुख्यमंत्री को इसे बंद करने की सिफारिश करेंगे।
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