शिमला : एचपी यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट आफ इंटेग्रेटिड हिमालयन स्टडीज और नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्निकल टेयचेर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च चंडीगढ़ (मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत) के बीच एमओयू हुआ है। चंडीगढ़ में बीते दिन हिमालयी क्षेत्रों में ग्रामीण विकास हेतु दोनों संस्थानों द्वारा एमओयू साइन किया गया है। एचपीयू के कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी तथा इंस्टीट्यूट आफ टेक्निकल टेयचेर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च चंडीगढ़ के निदेशक प्रो. एमपी पुनिया ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए है। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. जेएस नेगी, आईआईएचएस के निदेशक प्रो. अमर जीत सिंह, डॉ. रणधीर सिंह रांटा, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. भवानी सिंह, डॉ. पुष्पा ठाकुर, डॉ. कुलदीप सिंह डॉ. बलदेव सिंह नेगी, परितोश जोशी और विनीत शर्मा तथा “नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च चंडीगढ़ की ओर से प्रो. उपेंद्र नाथ रॉय, प्रो. बीएस पावला, प्रो. रामा छावड़ा, प्रो. अरविंद बाल गुप्ता उपस्थित थे
हिमालयी क्षेत्रों में ग्रामीण विकास हेतु “उन्नत भारत” कार्यक्रम के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के पांच का चयन किया जाएगा, जिसमें जैविक कृषि एवं बागवानी, जल संसाधन प्रबंधन, सौर ऊर्जा का विस्तार, ग्रामीण व्यवसाय प्रबंधन, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, पारंपरिक एवं सांस्कृतिक संरक्षण प्रबंधन, उद्यमिता को बढ़ावा देना, ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास हेतु प्रशिक्षित करना शामिल है।
इंस्टीट्यूट आफ इंटेग्रेटिड हिमालयन स्टडीज” में जैविक खेती प्रशिक्षण केंद्र एवं आपदा प्रबंधन केंद्र स्थापित करना जिसके माध्यम से हिमाचल के किसानों को प्रशिक्षण देना था आपदा प्रबंधन हेतु लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रकार सूचनात्मक एवं नवीनतम तकनीक से परिपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन करवाना शामिल रहेगा।
हिमालयन स्टडीज, ग्रामीण विकास, पर्यावरण विज्ञान, सतत विकास, आपदा प्रबंधन में इसी सत्र से पीएचडी कोर्स आरंभ किया जाएगा। इसके अतिरिक्त पीजी के छात्रों को सामूहिक रूप से विभिन्न आधुनिक तकनीकों के माध्यम से प्रशिक्षण देना शामिल है।
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