बालोद/गुरुर (छत्तीसगढ़) : मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन योजना विकासखंड में विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ गया। कृषि विभाग द्वारा चलाए जा रहे शिविर में शुक्रवार को प्रशिक्षक पहुंचे ही नहीं। कृषक दिनभर खाली बैठकर चले गए। आदिवासी उप परियोजना अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में विकासखंड के 40 कृषकों को 25 नवंबर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण कृषि विभाग के अधिकारी दे रहे हैं।
नहीं पहुंचा कोई प्रशिक्षक
23 दिसंबर को कृषकों को प्रशिक्षण देने कोई प्रशिक्षक नहीं पहुंचा। शिविर में 40 में से 18 कृषक ही प्रशिक्षण लेने पहुचे थे। कृषक प्रात: 10 बजे से कृषि विभाग के कार्यालय पहुंच गए थे। प्रशिक्षक के नहीं पहुंचने से वे दिन भर खाली बैठे रहे। यहां प्रतिदिन आधे से कम कृषकों के आने की जानकारी मिली। 1 बजे जब यह प्रतिनिधि कृषि विभाग के कार्यालय पहुंचा तब पूरा कार्यालय खाली था। एक मात्र भृत्य उमा बाई ठाकुर ही मिली। 1:05 बजे ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी पल्लवी साहू पहुंची। पल्लवी साहू ग्राम अंडी से आती है उन्होंने विलंब से आने का कारण बालोद मे काम होना बताया।
उन्नत कृषि का प्रशिक्षण दिया जाना है
शिविर 45 दिनों का है, जहॉ खरीब फसल, रबी फसल, फसल चक्र, गन्ना उत्पादन, बीज उत्पादन, जैविक कृषि अन्य आधुनिक तकनीक की जानकारी दी जानी है। विभिन्न ग्रामों से कृषक अपने कृषि कार्य कार्यालय पहुंच रहे थे, लेकिन कोई जिम्मेदार कर्मचारी कार्यालय में नहीं था जिससे उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। कार्यालय में सभी कुर्सियां खाली थी। वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जेपी सोनी ने कहा आज सभी कर्मचारी बालोद मिटिंग में आए हैं। मैंने प्रशिक्षण के लिए तिथिवार प्रशिक्षकों की नियुक्ति कर दी थी। मैं बालोद में हूं इसलिए कारण नहीं बता सकता।
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