भोपाल : युवाओं को रोजगार दिलाने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता दिवस पर रोजगार कैबिनेट बनाने की घोषणा तो कर दी, पर हकीकत यह है कि विस चुनाव से लेकर अब तक हुए रोजगार के कई वादे अधूरे हैं। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का घोषणा पत्र हो या ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2014 में रोजगार के अवसर की घोषणाएं, इन पर अमल नहीं हो सका है।
मुख्यमंत्री ने लाल परेड ग्राउंड में कहा है कि रोजगार की नई संभावनाएं चिन्हित करने और लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने रोजगार कैबिनेट बनाई जाएगी, जो रोजगार संबंधी मामलों पर फैसले लेगी। ज्ञात हो कि कृषि कैबिनेट और पर्यटन कैबिनेट का गठन हो चुका है। कैबिनेट की रूपरेखा तय नहीं है।
कौशल विकास मंत्री दीपक जोशी के मुताबिक इस पर चर्चा नहीं हुई है। उद्योग एवं रोजगार विभाग के अधिकारी कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं। उद्योग आयुक्त व एमएसएमई विभाग के प्रमुख सचिव वीएल कांताराव ने जानकारी से इंकार कर दिया।
ये घोषणाएं नहीं हुई पूरी
– मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, उद्यमी योजना के तहत घोषणा पत्र में 5 लाख युवाओं को स्वरोजगार ऋण देने का वादा किया गया था। वर्ष 2015-16 के आंकड़ों देखें तो 25 हजार लोगों को इसका फायदा मिल सका है।
– ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2014 में सरकार ने 7 लाख करोड़ रुपए के निवेश का वादा किया था, जिससे 17 लाख नए रोजगार मिलना था। रोजगार देने वाला कोई बड़ा प्रोजेक्ट जमीन पर नहीं उतरा।
– विस चुनाव घोषणा पत्र में रोजगार सृजन में सहायक नए तकनीकी एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा भी की गई थी। योजना ही बन सकी है।
-उद्योगों से रोजगार की स्थिति और संभावनाओं की मासिक जानकारी लेने का सिस्टम शुरू नहीं किया जा सका।
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