मध्य प्रदेश सरकार ने की 500 करोड़ की “कौशल्या योजना” चालू करने की तैयारी

भोपाल (मध्य प्रदेश) : राज्य सरकार ने इस साल दो लाख महिलाओं को हुनरमंद बनाने के लिए कौशल्या योजना चालू करने की तैयारी कर ली है। इस स्कीम में आईआईएम इंदौर, आईआईएसईआर, मैनिट, एनआईएफटी, इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेजों के साथ आईटीआई की मदद से पंद्रह ट्रेड में महिलाओं को 15 दिन से लेकर 9 माह तक की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसे एनसीवीटी से मान्यता मिलेगी। इस स्कीम पर चालू साल में 500 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान लगाया गया है। यह राशि पीएम स्किल डवलपमेंट स्कीम, राज्य के दूसरे विभागों से जुटाई जाएगी। हर महिला पर 11 हजार रुपए तक खर्च आएगा।

इसी स्कीम को लेकर तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की परियोजना परीक्षण समिति की बैठक मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विद्यार्थी पंचायत में इसकी मंशा रखी थी, जिसके बाद पुरुषों के लिए मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना एवं महिलाओं के लिए कौशल्या योजना को समिति ने स्वीकृति दे दी। मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि इन स्कीमों में ट्रेनिंग की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। साथ ही निजी कंपनियों से समन्वय बनाओ ताकि ट्रेनिंग के बाद तत्काल रोजगार मिले। कौशल्या स्कीम में ट्रेनिंग, प्रवेश, ट्रेनिंग देने वाली संस्थाओं का चयन और प्लेसमेंट तक मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। सीएम कौशल संवर्धन योजना में इस साल 2 लाख 50 हजार युवाओं को स्व-रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

ये होंगे ट्रेड

एपेरेल और होम फर्नीशिंग, ऑटोमोटिव, ब्यूटी एंड वैलनेस, कैपिटल गुड्स, कंस्ट्रक्शन, डोमेस्टिक वर्कर, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, फूड प्रोसेसिंग, हैल्थ केयर, आईटी एंड आईटीईएस, रिटेल (सर्विस सेक्टर), सिक्योरिटी, टेलीकॉम, टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी और बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विस एंड इंश्योरेंस। टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी के लिए आईएचएम या आईआईटीएम से बात की गई है। बैंकिंग ट्रेड के लिए आईसीएसआई से मदद लेंगे।

इन विभागों से मिलेगा फंड : पंचायत एवं ग्रामीण विकास, आदिम जाति कल्याण, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, श्रम विभाग आदि से फंड जुटाया जाएगा।

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