एक करोड़ का कागजी कौशल विकास, हाई कोर्ट में जवाब पेश हुआ तो एनजीओ ने याचिका ही वापस ले ली

इंदौर। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के नाम पर इंदौर संभाग के जिलों में युवाओं को कागजों में प्रशिक्षण देने वाली एक एनजीओ का भुगतान रोका गया तो उसने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। एनजीओ के कागजी प्रशिक्षण पर जब नगरीय निकाय ने हाई कोर्ट में विस्तृत जवाब पेश किया तो एनजीओ ने याचिका ही वापस ले ली।

गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ममता महिला एवं पुरुष विकास कौशल प्रशिक्षण समिति ने करीब एक करोड़ रुपए का भुगतान करने की मांग बड़वानी नगर पालिका परिषद से की थी। परिषद द्वारा भुगतान से इनकार कर दिया तो एनजीओ ने हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की। याचिका में उठाए मुद्दों पर सरकारी जवाब तैयार हुआ तो याचिका खुद ही वापस ले ली।

परिषद ने अपने विस्तृत जवाब में उल्लेख किया कि एनजीओ ने जिन अधिकांश स्थानों पर युवाओं को बुलाकर प्रशिक्षण देना बताया वहां पर किसी ने भी प्रशिक्षण की पुष्टि ही नहीं की। कई जगह तो बताए गए पते पर कोई दूसरा व्यक्ति या परिवार मिला। उन्होंने अपने बयान में एनजीओ के बारे में अनभिज्ञता जारी की।
बकायदा लोगों के बयान को शपथ पत्र पर पालिका ने सीईओ ने हाई कोर्ट में प्रस्तुत किया। पालिका ने एनजीओ के दावे को पूरी तरह बोगस करार देते हुए याचिका निरस्त करने की मांग की थी। याचिका पर सुनवाई से पहले ही एनजीओ ने उसे वापस ले लिया।

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