आईटीआई को कॉलेजों से ज्यादा सशक्त बनाने की तैयारी, एमबीए -एमसीए – पीएचडी पाठ्यक्रम संचालित करना चाहती है सरकार

भोपाल : युवाओं के स्किल डवलपमेंट के लिए प्रदेश की आईटीआई संस्थाओं को इंजीनियरिंग कॉलेजों से ज्यादा सशक्त बनाने की तैयारी है। राज्य सरकार इनमें डिप्लोमा से पीएचडी तक कराने की कोशिश में जुटी है। सरकार ने केंद्र सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा है। जिस पर पहले दौर की चर्चा भी हो चुकी है। तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण बोर्ड के गठन का प्रस्ताव इसी दिशा में पहला कदम है।

तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दीपक जोशी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। जिसमें इन संस्थाओं को तकनीकी एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए यूएसए और जर्मनी देशों के समान विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग की है। विभाग के मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से पहले दौर की चर्चा भी हो चुकी है। सूत्र बताते हैं कि राज्य के इस प्रस्ताव से केंद्र सरकार सहमत है और अगले साल तक इस पर फैसला होने की उम्मीद है।

राज्य सरकार आईटीआई संस्थाओं में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, एमबीए, एमसीए सहित तकनीकी एवं व्यावसायिक क्षेत्र के सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर पीएचडी तक के पाठ्यक्रम संचालित करना चाहती है। इसके अलावा इन संस्थाओं में तकनीकी क्षेत्र के गहन शोधकार्य भी कराना चाहती है।

पाठ्यक्रम व अवधि अभी तय नहीं इन संस्थाओं में सर्टिफिकेट कोर्स के अलावा ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, एमबीए, एमसीए, पीएचडी कैसे कराई जाएगी। इसकी रणनीति, पाठ्यक्रम और अवधि अभी तय नहीं हुई है। राज्य सरकार को प्रस्ताव पर केंद्र सरकार के निर्णय का इंतजार है। हालांकि राज्य सरकार ने तकनीकी शिक्षा विभाग के अफसरों को इस दिशा में काम शुरू करने को कह दिया है।

Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.