मनरेगा एक्ट में बड़ा फेरबदल, 12वीं पास मनरेगा मज़दूरों को स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग दे बनाया जाएगा “बेयर फुट इंजीनियर”

बिलासपुर : ग्रामीण क्षेत्र के 12वीं पास युवक मनरेगा (MNREGA) के बेयर फुट इंजीनियर बनेंगे। इनकी निगरानी में ही मनरेगा का काम होगा। जिले में 104 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिला पंचायत को सर्वे में मनरेगा में काम करने वाले 12वीं पास 600 युवक मिले हैं।

केंद्र शासन ने पढ़े-लिखे मजदूरों को सलेक्ट करने, ट्रेनिंग देने, स्किल डेवलपमेंट व उनका वेतन निर्धारित करने के लिए मनरेगा एक्ट में बड़ा फेरबदल किया है। इसकी गाइड लाइन पिछले दिनों राज्य कार्यालय ने बिलासपुर जिला पंचायत को भेजी थी। गाइड लाइन के अनुसार 2500 एक्टिव लेबर के बीच एक प्रशिक्षित बेयर फुट इंजीनियर तैनात किया जाना है। दूरवर्ती क्षेत्रों में भी इन बिना डिग्री, डिप्लोमा वाले ट्रेंड इंजीनियरों की सेवाएं ली जा सकेंगी। इसके लिए बाकायदा इन्हें यात्रा भत्ता भी दिया जाएगा। पहली योग्यता में मजदूर 12वीं पास होना चाहिए और वह दो साल से मनरेगा में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा हो। योजना के तहत एसटीएससी मनरेगा मजदूरों का प्राथमिकता के आधार पर चयन किया जाएगा। चयन प्रक्रिया में 50 फीसदी महिलाएं होंगी। निर्देश आते ही जिला पंचायत प्रशासन ने जनपद पंचायत के कार्यक्रम अधिकारियों से गांवों में योग्य मजदूरों का सर्वे कराया। इसकी रिपोर्ट जिला पंचायत को मिल गई है, जिसमें मनरेगा में मजदूरी करने वाले परिवार में 600 योग्य युवकों के नाम हैं।

सर्वे रिपोर्ट तैयार करना, इस्टीमेट बनाना, कार्य का नक्शा तैयार करना, कार्य की निगरानी व क्रियान्वयन भी करेंगे। ये विभागीय कनिष्ठ अभियंता की गाइड लाइन व दिशा निर्देशों के तहत काम करेंगे।

21 को लिखित परीक्षा 90 दिन की ट्रेनिंग : जिले में पात्र मिले 600 युवकों में से 104 का चयन करने के लिए 21 अगस्त को लिखित परीक्षा होगी। परीक्षा लेने के लिए मनरेगा के राज्य कार्यालय के अधिकारी आएंगे। ज्यादा अंक पाने वाले 104 युवकों को 90 दिनों की ट्रेनिंग के लिए रायपुर भेजा जाएगा।

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